Youngest Player Scoring Double Century in Test Javed Miandad: क्रिकेट में आज के समय में सीमित ओवरों के कई फॉर्मेट हैं. अगर मौजूदा वक्त की बात की जाए तो टी-20 फॉर्मेट को सबसे ज्यादा पसंद की जाती है. लेकिन टेस्ट क्रिकेट का क्रेज आज भी उतना ही जितना आज से पहले सर विवियन रिचर्ड्स और सुनिल गावस्कर के वक्त हुआ करता था, या यूं कहें कि इस प्रारूप को देखने वाले दर्शकों में कोई कमी नहीं आई है. दर्शक आज भी इस फॉर्मेट को देखने के लिए ग्राउंड पर जाते हैं.      


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टेस्ट  क्रिकेट में अगर कोई खिलाड़ी शतक लगाता है तो उस खिलाड़ी के लिए एक खास उपलब्धि होता है. मैदान तालियों की गड़गड़हट गूंज उठती है. दर्शक और खिलाड़ी खड़े होकर उनका स्वागत करते हैं. हालांकि रेड बॉल क्रिकेट एक ऐसा प्रारूप है, जिसमें वक्त को लेकर बल्लेबाजों पर कोई दबाव में नहीं होता है. इसी वजह से इस फॉर्मेट को एकाग्रता का खेल भी कहा जाता है. यही वजह है कि इस फॉर्मेट में तीहरे शतक ही नहीं बल्कि 400 रन भी बने हैं.


हालांकि, ये 400 रन वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज  ब्रायन लारा के नाम है, जो टेस्ट क्रिकेट में इकलौता चार सौ रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि रेड बॉल क्रिकेट में सबसे कम तके उम्र के किस खिलाड़ी ने दोहरा शतक लगाया था? जो आजतक यानी करीब 48 साल बाद भी किसी बल्लेबाज ने इस रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाया है. 


जावेद मियंदाद के नाम दर्ज है ये रिकॉर्ड


हम बात कर रहे हैं एक ऐसे खिलाड़ी की जो अपने वक्त में अपनी बल्लेबाजी के दम पर क्रिकेट में एक अलग पहचान बनाई है. वो खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाज जावेद मियांदाद हैं. जावेद मियांदाद भले ही आज के समय में सुर्खियों में नहीं रहते हों लेकिन उनके द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड के चर्चे टीवी और कई दूसरे माध्यमों से लोगों को जरूर सुनने को मिलते हैं. मियांदाद के ही नाम सबसे कम उम्र में दोहरा शतक लगाने का कीर्तिमान है. उन्होंने ये कारनामा साल 1976 में न्यूजीलैंड अपने घरेलू मैदान कराची में किया था. मियांदाद ने इस दौरान 206 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी, जो आज भी क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है.


मियांदाद ने 410 मिनट तक की थी बल्लेबाजी


साल 1957 में 12 जून को जन्मे जावेद मियांदाद की उम्र उस समय 19 साल और 140 दिन थी. उस मैच में मियांदाद चौथे नंबर पर क्रीज पर आए और 410 मिनट तक बल्लेबाजी की. उन्होंने इस दौरान 29 चौके और दो छक्के भी लगाए. सबसे खास बात यह है कि मियांदाद ने ये इतिहास अपने तीसरे ही टेस्ट मुकाबले में रच डाला था. हालांकि ये मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ था.