Baba Siddique Murder: बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में शामिल तीनों आरोपियों की पहचान हो गई है.  तीनों हमलावरों में से दो उत्तर प्रदेश के बहराइच के रहने वाले हैं. बहराइच की SP वृंदा शुक्ला ने दोनों शूटर की पुष्टि धर्मराज कश्यप और शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा की है. वहीं, तीसरे आरोपी हरियाणा के कैथल का रहने वाला गुरमैल सिंह है. शिवा वारदात को अंजाम देने के बाद से ही फरार है. मुंबई पुलिस की कई टीमें शिवा की तलाश में लगी हुई हैं.


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बहराइच के रहने वाले दोनों आरोपी एक ही गांव का गंडारा का है और दोनों पुणे में कबाड़ी का काम करते थे. बहराइच में अभी तक इन दोनों के ऊपर पहले से दर्ज कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड का पता नहीं चला है. दोनों काफी सामान्य परिवार से है. एसपी दोनों के परिवार वालों से पूछाताछ कर रही है. 


बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के ये हैं तीनों आरोपी 
1. धर्मराज कश्यप- बहराइच ( उत्तर प्रदेश ).
2. शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा- बहराइच ( उत्तर प्रदेश ).
3. गुरमैल सिंह-  कैथल (हरियाणा).


इसी बीच, आरोपी धर्मराज कश्यप की मां ने मीडिया में आकर कहा कि "वह पुणे में एक कबाड़ी में काम करने गया था. मैं धर्मराज के बारे में सिर्फ इतना ही जानती थी. मुझे नहीं पता कि वह वहां कितना कमाता था और क्या खाता था.  वह मुंबई में वह क्या कर रहा था मुझे नहीं पता था." धर्मराज मां ने कहा कि वह आखिरी बार होली में घर आया था. उसके बाद वह गांव नहीं आया है. हालांकि, उन्होंने बेटी की बीमारी में एक बार सिर्फ 3000 रुपया भेजवाया था. उसकी मां ने आगे कहा वह मुझसे बात भी नहीं कर रहा था.  इसलिए मैं इस घटना के बारे में कुछ नहीं बता सकती. 



शिवा के पिता ने क्या कहा?
वहीं, दूसरे आरोपी शिवा 6 महीने पहले मुम्बई गया था. उसके पिता का कहना है कि उसके बेटे को बहकाया गया है. शिवा ने ही धर्मराज को भी दो महीने पहले पुणे बुलाया था. परिवार वालों से दोनों बहुत कम बातचीत करते थे. परिवार के लोगों का फोन तक नहीं उठाते थे. दोनों बेहद ही गरीब परिवार से आते हैं.  धर्मराज के घर में बात करने के लिए मोबाइल तक भी नहीं था. कुछ दिन पहले ही धर्मराज ने अपने दोस्त को पैसे भेजकर मोबाइल और सीम खरीद कर अपने परिवार को दिलवाया था. 



गुरमैल को परिवार से कर दिया है बेदखल; दादी
इन तीनों आरोपियों में से एक गुरमैल सिंह है. जिसकी गिरफ्तारी हो चुकी  है. उसके ऊपर पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं. इस हत्याकांड को लेकर उसकी दादी ने कहा कि गुरमैल मेरा पोता था, लेकिन अब वह मेरे और परिवार वालों लिए कुछ भी नहीं है. वह हमारे कॉन्टैक्ट में नहीं है. हमारी उससे कोई बातचीत नहीं होती है. उसे यहां से बेदखल कर दिया गया है. उससे 10 -11 साल बात नहीं होती है, उससे कोई मतलब नहीं है.  वो इस तरह की वारदात करता रहता है. जिंदगी सबकी एक है.