CBI Kolkata Doctor Rape: सीबीआई आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने पर विचार कर रहा है. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन के एक अधिकारी ने बताया कि झूठ पकड़ने वाली मशीन से जांच इसलिए कराई जाएगी क्योंकि एजेंसी को पूछताछ के दौरान उनके कुछ जवाबों में कुछ खामियां मिली हैं.


क्या है कोलकाता डॉक्टर रेप केस


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इस महीने की शुरुआत में, एक 31 साल के ट्रेनी डॉक्टर के साथ अस्पताल के सेमिनार रूम में बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. वह अपनी 36 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आराम करने के लिए कमरे में गई थी. कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय नामक एक सिविक वॉलेंटीयर को इस जघन्य हत्या के लिए गिरफ्तार किया. रिपोर्ट के मुताबिक महिला के शव के पास आरोपी का ब्ल्यूटूथ फोन मिला था.


सीबीआई कर रही है प्रिंसिपल से पूछताछ


सीबीआई कई दिनों से संदीप घोष से पूछताछ कर रही है, जिन्होंने अपराध के दो दिन बाद इस्तीफा दे दिया था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या डॉक्टर की हत्या किसी साजिश के तहत की गई थी या नहीं. रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने घोष से पूछा कि हत्या के बारे में सुनकर उनकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी. एजेंसी ने डॉक्टर से यह भी पूछा है कि उन्होंने शव सौंपने से पहले पीड़िता के माता-पिता को तीन घंटे तक इंतजार क्यों करवाया.


अधिकारी ने बताया क्यों करना चाहते हैं पोलीग्राफ टेस्ट


सेंट्रल एजेंसी ने पीटीआई को बताया कि वह संदीप घोष के जवाब को पोलीग्राफ टेस्ट से वेरिफाई करना चाहते हैं. अधिकारी ने पीटीआई को बताया,"हम घोष के जवाबों की और ज्यादा पुष्टि करना चाहते हैं, क्योंकि हमारे सवालों के कुछ उत्तरों में विसंगतियां हैं. इसलिए, हम उन पर पॉलीग्राफ परीक्षण कराने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं."


इसके साथ ही उन्होंने डॉक्टर से उस बारे में पूछताछ की है, जिससे उन्होंने इस हत्या के बारे में सुनने के एकदम बाद राबता किया था. उनसे आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल से सटे कमरों के रेनोवेशन की इजाजत के बारे में भी पूछताछ की गई है, जहां पीड़िता लाश मिली थी. एजेंसी को हाल ही में एक लोकल कोर्ट से संजय रॉय का पोलीग्राफ टेस्ट कराने की इजाजत मिली थी.


सुप्रीम कोर्ट की वेस्ट बंगाल सरकार को फटकार


सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई और पूछा कि हत्या का पता चलने के बाद संदीप घोष और अस्पताल प्रशासन क्या कर रहे थे. इसके साथ ही कोर्ट ने पाया कि प्रिंसिपल ने इस मर्डर को एक सुसाइड की शक्ल देने की कोशिश की थी.