अमेठी: जम्मू से वाराणसी आ रही बेगमपुरा एक्सप्रेस में सीट पर बैठने को लेकर हुए विवाद में एक नौजवान की मौत हो गयी, जबकि उसका भाई गंभीर रूप से ज़ख़्मी हो गया. 
पुलिस के मुताबिक, जुमेरात को जम्मू से वाराणसी आ रही बेगमपुरा एक्सप्रेस जब लखनऊ के निहालगढ़ पहुंची तो दो यात्रियों में सीट पर बैठने को लेकर आपस में कहा- सुनी हो गयी. दोनों के बीच की ये बहस बहुत जल्द विवाद में बदल गया और मामला इतना बढ़ गया की एक व्यक्ति ने चाकू से दूसरे मुसाफिर पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया. इस हमले में तौहीद (24) नाम के नौजवान की मौत हो गई, जबकि उसका भाई ज़ख़्मी हो गया. मृतक तौहीद अंबाला से अपने घर आ रहा था, जबकि उसका भाई उसकी मदद करने घर से स्टेशन पहुंचा था. 


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मदद करने पहुंचे भाईयों पर भी स्टेशन पर हमला 
पुलिस के एक अफसर ने बताया कि लखनऊ के बाद सीट पर बैठने को लेकर सुलतानपुर के एक मुसाफिर का तौहीद से विवाद हो गया था, जिसके बाद मुल्जिम ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर तौहीद पर चाकू और लोहे की रॉड से हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गयी.  पुलिस के मुताबिक, जब ट्रेन में उसका झगड़ा हुआ तो उसने फ़ोन कर अपने घर वालों की इसकी सूचना दी थी, जिसके बाद उसके दो भाई निहालगढ़ रेलवे स्टेशन पर उसकी मदद करने पहुंचे थे. लेकिन ट्रेन में तौहीद से झगड़ा करने वाले युवकों ने उसके भाई तालिब और तौसीफ पर भी हमला कर दिया, जिसमें दोनों गंभीर रूप से ज़ख़्मी हो गये. अफसर के मुताबिक, हमले में ज़ख़्मी हुए तालिब को जगदीशपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से प्राथमिक उपचार के बाद लखनऊ ट्रामा सेंटर भेज दिया गया जब कि उसके दूसरे भाई तौसीफ का इलाज स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है.  भाले सुल्तान शहीद स्मारक थाना प्रभारी निरीक्षक तनुज पाल ने बताया कि हादसे के बाद तौहीद के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है.  उन्होंने बताया कि मुल्जिम युवकों को राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने सुलतानपुर रेलवे स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया.


रेलवे प्रशासन की लापरवाही
मालूम हो कि इस रूट पर अक्सर सीट पर बैठने को लेकर मुसाफिरों के बीच विवाद होते हैं. लम्बी रूट के मुसाफिरों को लोकल यात्री परेशान करते हैं. लोकल सवारी स्लीपर और ऐसी कोच में भी जबरन घुसकर यात्रियों के साथ मारपीट और बदतमीजी करते हैं. इसके बावजूद रेलवे का इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है. चलती ट्रेन में एक यात्री पर हमला कर उसे मार दिया गया. स्टेशन पर उसकी मदद करने आये उसके भाईयों को भी पीटा गया, लेकिन इस बीच कोई भी रेल सुरक्षा कर्मी वहां नहीं पहुंचा, या किसी अन्य यात्रियों ने भी इसमें हस्तक्षेप नहीं किया.. यानी लोग मौत का तमाशा देखते रहे. इस पूरे मामले में रेलवे प्रशासन की लापरवाही नज़र आ रही है. ये सीधे तौर पर ट्रेन के अन्दर मॉब लिंचिंग का मामला लग रहा है.