Baba Siddique Murder: महाराष्ट्र के कद्दावर नेता व पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की शनिवार 12 अक्टूबर को मुंबई के बांद्रा में गोली मारकर हत्या कर दी गई. बाबा की मौत से सियासी गलियारों समेत बॉलीवुड शोक की लहर में डूब हुई. बाबा की मौत की खबर सुनकर बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित उनके पैतृक गांव मांझा शेख टोली में सन्नाटा पसरा हुआ है. परिवार वालों को यकीन नहीं हो रहा है कि 'बाबा' अब इस दुनिया में नहीं रहे.


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बाबा सियासत में हमेशा रहे निर्विवाद
बाबा सिद्दीकी हमेशा से सियासत में निर्विवाद रहे. कभी भी उनके ऊपर अपराधी घटनाओं में शामिल होने का आरोप नहीं लगा. बाबा की सादगी के राजनेता, बॉलीवुड हस्तियां ही नहीं बल्कि उनके पैतृक गांव के लोग भी कायल थे. वो जितने बड़े लोग थे उससे कहीं ज्यादा वो जमीन से जुड़े हुए थे. यही कारण है कि वे हमेशा अपने गांव आते रहते थे और अपने परिवार और पड़ोसी के साथ समय बिताते थे. साल 2022 में बाबा ने गांव आकर हाई स्कूल के छात्रों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित भी किया था. 


ट्रस्ट के जरिए लोगों की करते थे मदद
इतना ही नहीं बाबा सिद्दीकी अपने ट्रस्ट के जरिए गांव के गरीब और असहाय लोगों को भी मदद करते रहते हैं. वे हमेशा अपने ट्रस्ट के जरिए मांझा हाई स्कूल समेत कई स्कूलो में छात्रों के बीच बैग व पठन पाठन सामग्री का वितरण करते हैं. बाबा के दो भाई हमेशा गांव आकर अपने पिता के नाम से चल रहे ट्रस्ट से समाज सेवा में लगे रहते थे.


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गांव वालों ने की ये मांग
बाबा के भतीजे महमद गुफरान ने बताया कि कल देर रात खबर मिली कि चाचा की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. लेकिन यकीन नहीं हुआ. परिजनों से बात हुई तो पता चला कि उनकी सही में हत्या कर दी गई है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि किसी दूसरे बाबा सिद्दीकी की हत्या नहीं हो सके.


वहीं, पड़ोस के रहने वाले अब्दुल अहद बताते हैं कि पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. महाराष्ट्र सरकार और पुलिस प्रशासन का फेल्योर है.  पब्लिक के सामने इतने बड़े नेता की हत्या कर दी जाती है. इसके हत्याकांड के पीछे राजनीतिक पृष्ठभूमि जरूर शामिल हैं.