Sanjauli Masjid: शिमला पुलिस पर पत्थरबाजी करने वाले कौन, सामने आया CCTV फुटेज, देखें Video
Sanjauli Mosque Controversy: हिमाचल प्रदेश के संजौली मस्जिद को लेकर पूरे राज्य में बवाल जारी है. इस दौरान शिमला में हिंदू संगठनों ने हिंसक प्रदर्शन किया है. जिसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे. इस मामले में पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है.
Sanjauli Mosque Controversy: हिमाचल प्रदेश की शिमला पुलिस ने आज यानी 13 सितंबर को संजौली में मस्जिद के कथित अवैध निर्माण को लेकर 11 सितंबर को हुए प्रोटेस्ट का पथराव का वीडियो जारी किया है. इस मामले में अब तक 8 मुकदमे दर्ज हुए हैं. इस प्रोटेस्ट में 6 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. जिसमें एक महिला पुलिसकर्मी भी शामिल है. जिसकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर है और उसकी हालत गंभीर है.
इससे पहले 11 सितंबर को प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग की पहली परत हटा दी और अपने विरोध मार्च के दौरान ढली टनल ईस्ट पोर्टल में दाखिल होते समय सुरक्षा बलों के साथ भिड़ गए. शिमला के संजौली इलाके की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस कर्मियों ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और लाठीचार्ज किया.
हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया बड़ा बयान
इस बीच, हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने 12 सितंबर को कहा कि हिमाचल सरकार कानून के मुताबिक काम करेगी. हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "संजौली में विरोध प्रदर्शन हुआ, यह बड़े पैमाने पर हुआ और इसमें कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए, वे अस्पताल में हैं और इसमें कुछ प्रदर्शनकारी भी घायल हुए हैं."
प्रदर्शनकारियों के साथ है सहानुभूति - मंत्री
उन्होंने आगे कहा कि सरकार प्रदर्शनकारियों के साथ सहानुभूति रखती है. हिमाचल प्रदेश के मंत्री ने कहा, "हमने पहले भी कहा था कि हमारी सहानुभूति उनके साथ है, लेकिन कानून अपनी प्रक्रिया पूरी करेगा और कर रहा है, सरकार कानून के मुताबिक काम करती है."
अवैध हिस्से को तोड़ने की गई गुजारिश
उन्होंने आगे बताया कि मस्जिद समिति के सदस्यों ने नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र कुमार अत्री से मुलाकात की और कहा कि अगर अदालत आदेश देती है, तो वे मस्जिद के किसी भी अवैध हिस्से को खुद ही गिरा देंगे. एक बड़ी बात यह हुई है कि मस्जिद समिति के पदाधिकारियों ने आज आयुक्त से मुलाकात की और उन्होंने कहा है कि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए हम इस जगह को सील करने के लिए तैयार हैं, इसके लिए उन्होंने नगर निगम आयुक्त को एक लिखित पत्र दिया है. नगर निगम आयुक्त इस पर कार्रवाई करेंगे, इसे सील किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा है कि आयुक्त की अदालत में जो भी फैसला आएगा, वे उसका भी सम्मान करेंगे."