Vinesh Phogat on Brijbhushan Singh: दिग्गज पहलवान विनेश फोगट ने 22 अगस्त को दिल्ली पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व चीफ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में गवाही देने वाली महिला पहलवानों की सुरक्षा वापस ले ली है. पहलवानों ने अधिकारियों के जरिए उनकी सुरक्षा वापस लिए जाने पर चिंता जताते हुए दिल्ली की एक कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.


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कोर्ट ने दिया ये आदेश
इसके बाद अदालत ने एक अंतरिम आदेश जारी कर एक शिकायतकर्ता की सुरक्षा तत्काल बहाल करने का निर्देश दिया, जब तक कि उसकी गवाही पूरी नहीं हो जाती और कोर्ट का अगला आदेश नहीं आ जाता. सुरक्षा बहाल करने के अलावा, कोर्ट ने पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को शिकायतकर्ताओं से सुरक्षा वापस लिए जाने के पीछे की वजहों की पूरी रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया. यह रिपोर्ट अगली सुनवाई में पेश की जानी है.


दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने इस आरोप से इनकार किया कि महिला पहलवानों की सुरक्षा वापस ली गई है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि पुलिसकर्मियों को "फायरिंग और ट्रेनिंग" के लिए बुलाया गया था. दिल्ली पुलिस ने साफ किया, "पुलिस सहायता अधिकारी (पीएसओ) पहले ही वापस आ चुके हैं. या आज रात पहुंचेंगे." 


विनेश फोगाट ने दिल्ली पुलिस को दिया जवाब
विनेश फोगाट के ट्वीट के जवाब में पुलिस ने कहा, "सुरक्षा वापस लेने का कोई आदेश नहीं है. अगर सुरक्षाकर्मी के पहुंचने में कोई देरी हुई है, तो उसकी जांच की जा रही है. पहलवानों को भी जानकारी दी जा रही है." कई महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था, लेकिन पूर्व बीजेपी सांसद ने इस आरोप को नकार दिया था.


क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि पिछले साल जनवरी में देश के विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई पहलवानों ने बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. यह विरोध कई महीनों तक चला. दिल्ली पुलिस ने पिछले साल अप्रैल में मामले में पहली एफआईआर दर्ज की थी, जिसके बाद पिछले साल जून में दिल्ली की एक कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया गया था. इस साल मई में दिल्ली की अदालत ने कहा था कि उसे छह में से पांच मामलों में बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय किए गए.


बीजेपी के पूर्व सांसद पर आरोप तए
इसके बाद अदालत ने पांच शिकायतकर्ताओं के आरोपों के आधार पर सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत आरोप तय किए. इसके अलावा, दो अलग-अलग मामलों में धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत भी आरोप तय किए गए.