Ameerah Al Taweel: सऊदी अरब के शाही परिवार का हिस्सा अमीरा अल तवील आजकल सुर्खियों का हिस्सा बनी हुई हैं. उनकी इन सुर्खियों में रहने का कारण है दूसरे धर्मों की पढ़ाई करना. 18 साल की उम्र में सऊदी के बड़े बिजनेसमैन अल वालीद  से शादी करने वाली अमीरा का 2013 में तलाक हो गया था. जिसके बाद उन्होंने यूएई के बिजनेसमैन खलीफा बिन बुत्ती अल मुहैरी से शादी की थी.


अमीरा ने की है हिंदू धर्म की पढ़ाई


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अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ हेवन और ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज ऑफ लंदन से पढ़ाई की. उन्होंने बताया कि उन्होंने कंपैरिटिव रिलिजन की पढ़ाई की है. अमीरा कहती हैं कि उन्होंने हिंदू, यहूदी, ईसाई धर्म के बारे में एजुकेशन हासिल की है. इस पढ़ाई ने उनकी आंखें खोल दी और दूसरे धर्मों के प्रति सम्मान को और ज्यादा बढ़ा दिया.


इस्लाम को लेकर जागरुक्ता बढ़ा रही हैं


आपको बता दें पूर्व राजकुमारी अमीरा अल तवील लोगों के बीच इस्लाम को लेकर जागरुक्ता फैलाने की कोशिश कर रही हैं. इसके लिए उन्होंने कई सेंटर्स भी खोले हुए हैं. इसको लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि शिक्षा से आपका ज्ञानोदय होता है. जब लोगों को किसी बात की जानकारी नहीं होती है तो वह उसके बारे में खुद की राय बनाते हैं. यही कारण है कि हमारे सेंटर दुनिया की 60 यूनिवर्सिटीज में हैं. हम एजुकेशन का इस्तेमाल लोगों को एक करने के लिए कर रहे हैं.


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महिलाओं के अधिकारों की हिमायती


अमेरिका से पढ़ाई करने वाली तवील महिलाओं के अधिकारों की हिमायती हैं. उनके पहले पति ने शादी के बाद उन्हें तलाल फाउंडेशन का प्रेसिडेंट बना दिया था. यह फाउंडेशन एक एनजीओ जिसका काम दुनियाभर में गरीबों की मदद करना, महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना. इस एनजीओ से जुड़ने के बाद अमीरा ने कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया था.


अमीरा का अब भी काम है जारी


अल वलीद से तलाक के बाद अमीरा महिलाओं के अधिकारों के लिए अब भी काम कर रही हैं. हालांकि अब वह सऊदी की राजकुमारी नहीं हैं. आपको बता दें   वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2022 के मुताबिक 146 देशों की लिस्ट में सऊदी की जह 127वीं है. वहीं वर्ल्ड बैंक के वुमन, बिजनेस और लॉन इंडेक्स (2021) की रिपोर्ट का जिक्र करें तो 100 देशों में सऊदी 80 नंबर पर है.


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