Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के आगरा की एक खास अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को राष्ट्रदोह के एक मामले में अपना पक्ष रखने के लिए एक और मौका देते हुए नोटिस जारी किया. कंगना, हिमाचल प्रदेश के मंडी इलाके से भाजपा सांसद हैं. आगरा की सांसद-विधायक (एमपी/एमएलए) अदालत के न्यायाधीश अनुज कुमार सिंह ने कंगना को नोटिस जारी किया. राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सीनियर अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का वाद दायर किया था, जिसके बाद उन्हें नोटिस जारी किया था लेकिन न तो वह खुद आईं और न ही उनकी ओर से कोई हाजिर हुआ.


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कंगना पर क्या हैं इल्जाम?
अदालत ने माना कि कंगना को पहला नोटिस नहीं मिला इसलिए दोबारा नोटिस कर सुनवाई 12 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी गई. कंगना रनौत पर 26 अगस्त को टीवी चैनलों पर दिए इंटरव्यू में किसानों के खिलाफ गलत बयानबजी करने और इसके पहले 16 नवंबर 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का मजाक उड़ाने का इल्जाम है.


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क्या है किसानों पर दिया गया बयान?
26 अगस्त 2024 को कंगना ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि किसान आंदोलन के जरिए भारत में बांग्लादेश के जैसी हालत पैदा करना चाहते हैं. कंगना ने कहा था कि "जो बांग्लादेश में हुआ वह भारत में होने में देर नहीं लगती, अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता. यहां पर जो किसान आन्दोलन हुए वहां पर लाशें लड़की थीं, वहां रेप हो रहे थे. किसानों की बड़ी लंबी प्लानिंग थी. जैसे बांग्लादेश में हुआ." हालांकि कंगना के इस बयान पर भाजपा ने कहा कि पार्टी की राय नहीं है.


महात्मा गांधी का उड़ाया मजाक
कंगना ने रनौत ने नवंबर साल 2021 में कहा था कि 'सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह को महात्मा गांधी से कोई सपोर्ट नहीं मिली.' कंगना ने मजाक उड़ाते हुए आगे कहा कि "गाल आगे करने से भीख मिलती है न कि आजादी" कंगना के मुताबिक साल 1947 में आजादी नहीं बल्कि भीख मिली थी. असल आजादी तब मिली जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. रनौत ने अपने इंस्टाग्राम पर कई पोस्ट कीं, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी को निशाना बनाया. उन्होंने अपील की कि अपने नेता को ध्यान से चुनो.