Mumbai News: ड्रग्स मामले में समीर वानखेड़े को लगा बड़ा झटका, जानें कोर्ट ने क्या कहा?
Mumbai News: समीर वानखेड़े ने अभिनेता शाहरूख खान के बेटे आर्यन को ड्रग्स मामले में फंसाने के लिए खान से कथित तौर पर 25 करोड़ रूपये की मांग करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच का सामना कर रहे हैं. जानें इस मामले पर कोर्ट ने किया कहा.
Mumbai News: एंटी-ड्रग्स एजेंसी ने मुम्बई हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े अभिनेता शाहरुख खान के साथ अपनी चैट को अपनी ईमानदारी के सबूत के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने इन चैट को "गुप्त" रखा था.
संघीय एजेंसी ने कहा कि वानखेड़े के पास अपने वरिष्ठों को सूचित किए बिना खान के साथ ऐसी बातचीत जारी रखने का कोई कारण नहीं था. तो ऐसा प्रतीत होता है कि निलंबित अधिकारी द्वारा अभिनेता को कई कॉल भी किए गए होंगे.
भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी वानखेड़े ने अभिनेता खान के बेटे आर्यन को ड्रग्स मामले में फंसाने के लिए शाहरूख खान से कथित तौर पर 25 करोड़ रूपये की मांग करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच का सामना कर रहे हैं. उन्होंने एक हलफनामे में जबरन वसूली के आरोपों का मुकाबला करने के लिए अभिनेता के साथ अपनी चैट साझा की. पिछले महीने मुम्बई हाई कोर्ट में वानखेड़े ने दावा किया कि अभिनेता ने चैट में उनकी ईमानदारी की प्रशंसा की है.
उनके दावों का खंडन करते हुए, एनसीबी ने 17 जून को 92 पेज का हलफनामा दायर किया और ब्यूरो ने कहा कि “वानखेड़े और आरोपी के पिता के बीच हुई चैट के संबंध में यह दिया गया है कि वानखेड़े की ईमानदारी के संबंध में किसी भी सबूत के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता है जब उसे गुप्त रखा गया हो.”
जबरन वसूली का मामला
एनसीबी ने कहा कि “इसके अलावा, यह ध्यान रखना उचित है कि वानखेड़े के पास अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किए बिना शाहरुख खान के साथ ऐसी चैट जारी रखने का कोई कारण नहीं था.” एनसीबी ने कहा कि चैट का मूल्यांकन केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा किया जाएगा.जो जबरन वसूली मामले की जांच कर रहा है.
आर्यन खान जांच के परिणाम में हेरफेर करना चाहते थे वानखेड़े
आगे चैट का हवाला देते हुए एनसीबी ने कहा कि ऐसा लगता है कि वानखेड़े ने कई मौकों पर शाहरुख खान को कॉल किया है" और यह नहीं कहा जा सकता कि उन कॉल्स में क्या हुआ.संघीय एजेंसी ने अपने हलफनामे में यह भी खुलासा किया है कि वानखेड़े ने एनसीबी से बाहर हो जाने के बावजूद एक कानूनी सलाहकार के साथ नियमित संपर्क में थे क्योंकि वह आर्यन खान जांच के परिणाम में हेरफेर करना चाहते थे और संवेदनशील जानकारी निकालना चाहते थे.
वानखेड़े का आरोप
वानखेड़े ने अपने हलफनामे में आरोप लगाया कि एनसीबी की विशेष जांच टीम जिसने 2-3 अक्टूबर 2021 को कॉर्डेलिया पोत क्रूज पर छापेमारी की दोबारा जांच की और आर्यन खान को बचाने की कोशिश की. उन्होंने कानूनी सलाहकार के साथ अपने कॉल का विवरण भी साझा किया था. जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके द्वारा तैयार की गई मसौदा शिकायत को आर्यन खान को फायदा पहुंचाने के लिए बदल दिया गया था.
मामला न्यायिक रूप से कमजोर
एनसीबी ने आगे कहा है कि हालांकि कानूनी सलाहकार की राय बाध्यकारी नहीं है.इस मामले के सबूतों और भौतिक तथ्यों पर विचार करने के बाद उन्होंने दस्तावेजों की वसूली में कई विसंगतियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि मामला न्यायिक रूप से कमजोर है.
पिछले साल 27 मई को मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने आर्यन खान को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि वह किसी बड़े ड्रग-डीलिंग रैकेट का हिस्सा नहीं था.जैसा कि वानखेड़े ने आरोप लगाया था. पिछले साल अक्टूबर में एनसीबी के सतर्कता ब्यूरो ने मामले की जांच की समीक्षा की और कहा कि आर्यन खान को जानबूझकर निशाना बनाया गया.
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