National Film Awards: नेशनल फिल्म अवार्ड्स में कई बदलाव होने की खबर सामने आई है. सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म के लिए 'इंदिरा गांधी अवार्ड' और राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए 'नरगिस दत्त अवार्ड' का नाम बदल दिया गया है और इनमें से दिवंगत पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और मशहूर अदाकारा नरगिस दत्त के नाम को नेशनल फिल्म पुरस्कारों के लिए किए गए बदलावों के तहत हटा दिया गया है. एक नेटिफिकेशन जारी करके यह जानकारी दी गई है. 70वें नेशनल फिल्म अवार्ड 2022 के रूल्स अलग-अलग कैटेगरी में दिए जाने वाले पुरस्कारों को तर्कसंगत बनाने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति के सुझाए परिवर्तनों को दर्शाते हैं.


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इन बदलावों में दादा साहब फाल्के अवार्ड समेत नकद पुरस्कारों में बढ़ोतरी और कई पुरस्कारों को शामिल किया जाना शामिल है. कमेटी के एक मेंबर ने नाम न बताने की की शर्त पर न्यूज एजेंसी को बताया कि, कमेटी ने महामारी के दौरान बदलावों के बारे में गौर किया था. ये बदलाव करने का फैसला सबकी रजामंदी से हुआ है. कमिटी के मेंबर फिल्ममेकल प्रियदर्शन ने न्यूज एजेंसी को बताया कि उन्होंने दिसंबर में अपनी अंतिम सिफारिशें दी थीं. उन्होंने कहा, "मैंने ध्वनि जैसे तकनीकी विभाग में भी कुछ सिफारिशें दी हैं". नेशनल फिल्म अवार्ड 2022 के लिए प्रविष्टियां 30 जनवरी तक जमा हुई थीं. महामारी की वजह से अवार्ड एक साल देर से दिए जा रहे हैं और 2023 में 2021 के नेशनल फिल्म अवार्ड प्रदान किए गए.



 कमिटी द्वारा सुझाए गए और 'विनियमों' में शामिल बदलाव के मुताबिक, निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म के लिए 'इंदिरा गांधी अवार्ड' का नाम बदलकर 'निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म' कर दिया गया है. ईनाम में मिलने वाली रकम, जो पहले निर्माता और निर्देशक के बीच तकसीम होती थी, अब सिर्फ निर्देशक को दी जाएगी. इसी तरह, ‘राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार’ को अब 'राष्ट्रीय, सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म' के तौर पर जाना जाएगा.



इस कैटेगरी में सामाजिक मुद्दों और पर्यावरण संरक्षण के लिए पुरस्कार वर्गों को मिला दिया गया है. कमिटी की अगुवाई सूचना और प्रसारण मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी नीरजा शेखर ने की. इसमें फिल्म निर्माता प्रियदर्शन, विपुल शाह, हाओबम पबन कुमार, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के चेयरमैन प्रसून जोशी, छायाकार एस नल्लामुथु के साथ-साथ सूचना और प्रसारण मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी पृथुल कुमार और मंत्रालय के निदेशक (वित्त) कमलेश कुमार सिन्हा समेत कई लोगों ने शिरकत की.