Nawazuddin Siddiqui: फिल्म स्टार नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी की पर्सनल लाइफ़ इस दिनों ठीक नहीं चल रही है. बम्बई हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म अदाकार नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी और उनकी पत्नी को अपने दो नाबालिग़ बच्चों से संबंधित मतभेदों को हल करने की कोशिश करने का सुझाव दिया. सिद्दीक़ी ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करके अलग रह रही अपनी पत्नी ज़ैनब को इस बारे में जानकारी देने का निर्देश दिये जाने की अपील की थी कि उनकी 12 वर्षीय बेटी और सात वर्षीय बेटा कहां हैं. जस्टिस ए. एस. गडकरी और जस्टिस पी. डी. नाइक की एक बेंच ने अदाकार और उनकी पत्नी को बच्चों के मामले में अपने मतभेदों को हल करने की कोशिश करने के लिए कहा है.


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मामले का सौहार्दपूर्वक हल निकले: कोर्ट
अदालत ने कहा कि नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी सिर्फ़ अपने बच्चों और उनकी एजुकेशन के बारे में फिक्रमंद हैं, एक दूसरे के साथ बात करें. अगर मामले का सौहार्दपूर्वक हल निकल जाए तो बेहतर होगा. नवाज़ सिद्दीक़ी की ओर से पैरवी करने वाले वकील प्रदीप थोराट ने अदालत को बताया कि एक्टर को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि उनके बच्चे कहां हैं. थोराट ने कहा, "याचिकाकर्ता ने सोचा कि उनके बच्चे दुबई में हैं, लेकिन उन्हें अब बच्चों के स्कूल से एक मेल मिला है कि वे अपनी क्लासेज़ अटेंड नहीं जा रहे हैं".



3 मार्च को होगी सुनवाई
वकील ने कहा कि एक्टर की पत्नी नवंबर 2022 में बच्चों के बिना दुबई से भारत आई थी. उन्होंने बताया कि महिला और उसके बच्चे दुबई के स्थायी निवासी हैं. बेंच ने ज़ैनब के वकील रिज़वान सिद्दीक़ी से पूछा है कि नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी के बच्चे कहां हैं. रिज़वान सिद्दीक़ी ने अदालत को बताया कि बच्चे अपनी जैविक मां के साथ हैं और वे दुबई वापस नहीं जाना चाहते हैं. वकील ने कहा, "दोनों बच्चे अपनी मां के साथ भारत में रहना चाहते हैं. वे यहां अपनी एजुकेशन जारी रखना चाहते हैं". बेंच ने नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी की पत्नी से अगले हफ्ते तक अदालत को इस बारे में बताने को कहा कि उन्होंने बच्चों की तालीम के मामले में क्या फैसला किया है. बेंच ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन मार्च की तारीख़ तय की है. 


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