Sudakshina Sarma Died: असम राज्य की मशहू गायिका सुदक्षिणा सरमा (89) का सोमवार को गुवाहाटी में लंबी बीमारी के बाद इंतेकाल  गया. चिकित्सकों ने यह जानकारी दी. सरमा, असम के महान गायक दिवंगत भूपेन हजारिका की छोटी बहन थीं. सरमा के परिवार में उनकी एक बेटी है जबकि उनके पति गायक दिलीप सरमा और दो लड़कों का पहले ही इंतेकाल हो चुका है. गोवाहाटी मेडिकल कॉलेज (GMCH) के अधीक्षक डॉ. अभिजीत शर्मा ने बताया कि सरमा को न्यूमोनिया और बिस्तर पर लंबे समय तक रहने की वजह से होने वाले घावों की समस्या (शैय्या व्रण) के चलते 23 जून को गहन देखभाल इकाई (ICU) में भर्ती किया गया था.


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दान किया शरीर


उन्होंने बताया कि गायिका की सेहत सुधर रही थी, जिसके बाद उन्हें कमरे में भेज दिया गया. लेकिन शनिवार की रात को उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई और सोमवार सुबह आठ बजकर 25 मिनट पर उनकी मौत हो गई. अधिकारी ने कहा कि मशहूर सिंगर ने अपनी आंखें और देह मेडिकल अनुसंधान के लिए पहले ही दान में देने का ऐलान किया था. उनके पार्थिव शरीर को परिवार और शुभचिंतकों के अंतिम दर्शन के लिए आवास पर ले जाया जाएगा. उन्होंने बताया कि शरीर को GMCH को देने की औपचारिकताएं दिन में बाद में पूरी की जाएंगी.


मुख्यमंत्री ने जताया शोक


मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने इस मौके पर दुख जताते हुए कहा कि वह राज्य के सांस्कृतिक जगत का चमकता सितारा थीं. उन्होंने कहा,''उन्होंने अपनी यादगार प्रस्तुतियों से म्यूजिक की दुनिया को बढ़ाया और उनका निधन राज्य के सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है.'' 


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छोटी उम्र से गाना शुरू किया


असम के प्रसिद्ध हजारिका परिवार में चौथी संतान के रूप में जन्मी सरमा ने छोटी उम्र से अपने बड़े भाई भूपेन हजारिका के साथ गाना शुरू कर दिया था. सरमा ने नौ वर्ष की आयु में असम के विख्यात सांस्कृतिक सक्रिय प्रतिभागी बिश्नु रावा के नेतृत्व में कलक्ता (अब कोलकाता) में ग्रामोफोन रिकॉर्ड्स के लिए चार गाने गाए थे. उन्होंने महात्मा गांधी के राज्य में वर्ष 1946 में हुए अंतिम दौरे के दौरान ''ई जॉय रघुर नंदन'' गाया था. गांधी ने सुदक्षिणा सरमा को आशीर्वाद देते हुए हमेशा गाने के लिए कहा था.


अससीया फिल्में मे  गाया 


मशहूर सिंगर ने 'मनीराम दीवान', 'चिकमिक बिजुली', 'परघाट', 'अबूज बेडोना' और 'हेपा' सहित कई असमीया फिल्मों में पार्श्व गायन के लिए अपनी आवाज दी थी. उन्होंने असम के गीतों के अलावा राज्य की संगीत विरासत की विभिन्न शैलियों में अपनी आवाज दी, जिनमें 'बोरगीत', 'कामरूपी', 'गोलपारिया', 'बोनगीत', 'बियानम' और 'बिहुनम' शामिल हैं.


दिलीप सरमा से हुई शादी


उन्होंने कोलकाता में मशहूर गायक दिलीप सरमा से शादी की थी. यह दंपत्ति रवीन्द्र म्यूजिक में अपनी काबलियत लिए जाना जाता था और उन्होंने अपनी जिंदगी लोक, शास्त्रीय, और नए जमाने के म्यूजिक के अलग-अलग रूपों को समर्पित कर दिया था. इस दंपत्ति को साल 2002 में संयुक्त रूप से संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सरमा के दोनों बेटे रितुपर्णा और ऋषिराज भी मशहूर गायक थे जिनका इंतेकाल इसी साल मई में हुआ था.


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