Duplicate Medicine: मानवाधिकार आयोग ने भारत में बिक रही नकली दवाओं पर संज्ञान लिया है. स्वास्थय मंत्रालय को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. भारत में एक के बाद एक नकली दवाओं के मिलने का सिलसिला जारी है. 5 सितंबर और 6 सितंबर को एक के बाद एक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दो दवाओं को लेकर अलर्ट जारी किया है, जिसके बाद भारत के ड्रग कंट्रोलर ने इन दवाओं को इस्तेमाल ना करने के लिए नोटिस जारी किया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इन मामलों पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, स्वास्थ्य सचिव और भारत के ड्रग कंट्रोलर को नोटिस जारी किया है. लिवर की नकली दवा Defitalio और कैंसर की दवा Adcetris 50 एमजी के इंजेक्शन के भारत में मिलने के बाद ये नोटिस जारी किया गया है. भारत में मिली दवाओं के बैच नंबर असली दवाओं से मेल नहीं खा रहे हैं. यहां तक कि लिवर की दवा को तो भारत में बेचने का अप्रूवल भी कंपनी के पास नहीं है.  


कैंसर की दवा का इंजेक्शन Hodkin Lymphoma के मरीज को दिया जाता है. यानी दोनों ही दवाएं गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए अस्पतालों में इस्तेमाल की जा रही हैं. ड्रग कंट्रोलर का दावा है कि ये दवाएं कुछ सिस्टम के ज़रिए यानी दवाओं की सप्लाई चेन के जरिए और कुछ ऑनलाइन सिस्टम के जरिए से भारत पहुंच रही हो सकती हैं. इससे पहले 31 अगस्त को गोवा में एसिडिटी कम करने के लिए लिया जाने वाला डाइजीन सिरप भी नकली होने की शिकायत आई थी. जिसके बाद भारत में उस सिरप के एक बैच को बाज़ार से वापस लिया गया था.


WHO ने 5 सितंबर को जो अलर्ट जारी किया था, उसके मुताबिक Defitalio नाम से बिकने वाली दवा के दो बैच नकली पाए गए हैं. एक बैच भारत में अप्रैल में मिला और दूसरा जुलाई के महीने में  Türkiye में मिला है. जांच में पता चला कि ये दवाएं गैर कानूनी तरीके से इन देशों में बेची जा रही हैं. WHO ने सावधान किया है कि Defitalio दवा लिवर की गंभीर और रेयर बीमारी Sinusoidal Obstructive Syndrome के इलाज के लिए कैन्युला के ज़रिए दी जाती है. यानी ये दवा अस्पतालों में भर्ती मरीजों पर इस्तेमाल की जाती है. इसे 1 महीने से ज्यादा उम्र के बच्चे को भी दिया जा सकता है. ऐसे में नकली दवा के परिणाम गंभीर हो सकते हैं.


दरअसल भारत और तुर्की में  Defitalio (defibrotide sodium) दवा के जो सैंपल मिले हैं, उस पर Uk/Ireland की पैकेजिंग है जबकि ये दवा German/Austrian पैकेजिंग में आती है. दवा बनाने वाली कंपनी के पास इस दोनों देशों में दवा बेचने का मार्केटिंग अप्रूवल नहीं है. दवा का बैच नंबर Batch 20G20A असली दवा से मेल नहीं खा रहा और एक्सपायरी डेट भी फर्ज़ी है. ऐसे में भारत और तुर्की की एजेंसियों को इस मामले की जांच करने को कहा गया है.