Dangal star Suhani Bhatnagar: ऐसा कोई नहीं है जिसने बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'दंगल' न देखी हो. मिस्टर परफेक्ट आमिर खान की बेटियों का किरदार निभाने वाली दोनों बाल अभिनेत्रियों के अभिनय ने सभी को प्रभावित किया. 'बबीता फोगाट' के बचपन का किरदार निभाने वाली 'सुहानी भटनागर' की एक बीमारी के चलते शुक्रवार (16 फरवरी) को उनकी मौत हो गई. दिल्ली में डर्माटोमायोसिटिस नामक एक दुर्लभ सूजन संबंधी बीमारी के वजह से मृत्यु हो गई. दो महीने पहले इस बीमारी के लक्षण दिखे थे, लेकिन 10 दिन पहले ही उन्हें इस बीमारी का पता चला. इसके चलते सुहानी भटनागर को उनके परिवार वालों ने 7 फरवरी को दिल्ली एम्स अस्पताल में भर्ती कराया था. 16 फरवरी को गंभीर बीमारी के बाद निधन हो गया. '2 महीने पहले सुहानी के हाथों पर लाल धब्बे पड़ गए थे. हमने इसे कई अस्पतालों में दिखाया है.' लेकिन कहीं भी बीमारी का पता नहीं चला. आख़िरकार उनकी तबीयत और ख़राब हो गई. संक्रमण से फेफड़े डैमेज हो जाते हैं. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया और इलाज किया गया. सुहानी की मां पूजा भटनागर ने अपनी बेटी की बीमारी के बारे में समझाया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ.


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डर्मेटोमायोसिटिस कैसी बीमारी है?


सैक्रा वर्ल्ड हॉस्पिटल, बैंगलोर में रुमेटोलॉजी की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. श्वेता सिंघई ने कहा.. डर्मेटोमायोसिटिस एक दुर्लभ बीमारी है जो त्वचा पर सूजन और चकत्ते का कारण बनती है. यह किसी भी उम्र में हो सकता है. आमतौर पर यह बीमारी 50 से 70 साल की उम्र के लोगों में होती है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में डर्मेटोमायोसिटिस का निदान होने की संभावना दोगुनी होती है. डर्मेटोमायोसिटिस का सटीक कारण नही है. यह रोग मांसपेशियों के वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है. कई चीज डर्मेटोमायोसिटिस का कारण बन सकते हैं. यह कभी-कभी स्टैटिन जैसी दवाओं के उपयोग के कारण भी हो सकता है, जिनका उपयोग कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए किया जाता है. अगर आपको अचानक वजन घटता हुआ महसूस हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें. यह एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी है. प्रत्येक 1 लाख जनसंख्या में से केवल दो या तीन में ही होता है. दुनिया में सिर्फ पांच से छह लोग ही इस बीमारी से पीड़ित हैं.


लक्षण-उपचार


डर्मेटोमायोसिटिस एक दुर्लभ सूजन संबंधी बीमारी है. इससे मांसपेशियों में कमजोरी और त्वचा पर चकत्ते हो जाते हैं. कंधे, बांहें, कूल्हे, जांघें और गर्दन की मांसपेशियां बेहद कमजोर हो जाती हैं. इस बीमारी से पीड़ित लोग अपनी बांहों को कंधे से ऊपर नहीं उठा पाते हैं और कुर्सी या फर्श पर बैठने की स्थिति से उठने में भी उन्हें परेशानी होती है. आंखों, गालों, छाती के सामने या ऊपरी भाग पर बैंगनी रंग के दाने दिखाई देते हैं. जोड़ों में दर्द, सूजन, हृदय और फेफड़ों की मांसपेशियों के ऊतकों में सूजन, त्वचा-मांसपेशियों को आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं में सूजन हो सकती है. अगर समय पर इसका पता न लगाया जाए और इलाज न किया जाए तो यह रेस्पिरेशन मांसपेशियों को भी प्रभावित कर सकता है. निगलने और सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न होती है. हालांकि डर्मेटोमायोसिटिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसका इलाज दवाओं, फिजिकल थेरेपी , व्यायाम, धूप से बचने, सनस्क्रीन का उपयोग करने, फोटोप्रोटेक्टिव कपड़े पहनने, हीट थेरेपी और उपचार से किया जा सकता है.