Gas Stove: पूरी दुनिया में खाना पकाने के लिए गैस चूल्हे का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च के नतीजे में खुलासा किया है कि प्रदूषित शहर में रहने से ज्यादा गैस चूल्हे पर खाना बनाना सेहत के लिए हानिकारक है. न्यू साइंटिस्ट पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों का कहना है कि गैस के चूल्हे नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और बेहद हानिकारक सूक्ष्म कण (पार्टिकुलेट मैटर) पैदा करते हैं, ये जहरीले पदार्थ खासतौर पर फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं.


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एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये खतरनाक जहर गाड़ियों से निकलने वाली गैसों का हिस्सा हैं, ये पदार्थ फेफड़ों में जाते हैं, जलन पैदा करते हैं और यहां तक ​​कि खून में दाखिल हो जाते हैं. जिससे दिल की बीमारी, कैंसर और यहां तक ​​कि अल्जाइमर जैसी खतरनाक बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये इन जहरीली चीजों से बच्चों में अस्थमा की बीमारी और बिगाड़ पैदा कर देती है. अमेरिका में बच्चों में अस्थमा के आठ मामलों में से एक खाना पकाने के प्रदूषण का परिणाम है.


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रिपोर्ट के मुताबिक इन चूल्हों से बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है, व्यस्त हाइवे से ज्यादा गैस चूल्हे घर की हवा को प्रदूषित कर रहे हैं. जब रिसर्च में शामिल बच्चों को उनके बैकपैक से जुड़े प्रदूषण मॉनिटर के साथ स्कूल भेजा गया, तो यह पता चला कि बच्चे शाम को घर के अंदर बाहर की तुलना में प्रदूषण के ज्यादा संपर्क थे, जब उनके माता-पिता खाना बना रहे थे. 


इंपीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर फ्रैंक केली के मुताबिक गैस स्टोव इनडोर वायु प्रदूषण का एक अहम ज़रिया है. जो अस्थमा और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह और बिगड़ सकता है. रिसर्चर्स ने कहा कि अगर हम चूल्हे से छुटकारा पा लें तो हम बच्चों में अस्थमा के 12.7 फीसद मामलों को रोक सकते हैं. जानकारों का भी कहना है कि गैस चूल्हे के खतरों को देखते हुए हो सके तो इलेक्ट्रिक कुकर पर ही खाना बनाना शुरू कर देना चाहिए.


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