भारत में JN-1 का कहर बरक़रार,कर्नाटक में 78 नये मामले दर्ज, एक की हुई मौत
कर्नाटक में शुक्रवार को कोविड-19 मामलों में अचानक से तेज़ी देखी गई है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के मुताबिक, बीते 24 घंटों में राज्य में 78 नए कोविड मामले दर्ज किए गए हैं और एक सख्स की मौत भी हुई है.
Covid Cases in India: भारत में COVID-19 मामलों में फिर से बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसके अलावा, देश में एक नया उप-संस्करण JN.1 भी देखा जा रहा है, जिससे इसके संभावित खतरे के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं. जेएन.1 बीए 2.86 से लिया गया है, जो एक 'पिरोला' वैरिएंट है जो अपने आप में एक ओमिक्रॉन सबवेरिएंट है. इसके साथ ही, JN.1 सब-वेरिएंट सबसे पहला मामला भी केरल में सामने आया. केरल के बाद कर्नाटका में भी JN.1 सब-वेरिएंट के मामले सामने आए हैं. कर्नाटक में शुक्रवार को ताजा कोविड मामलों में अचानक तेज़ी देखी गई है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने पिछले 24 घंटों में राज्य में 78 नए कोविड मामले और एक मौत की सूचना दी. राज्य में सक्रिय रोगियों की संख्या 175 हो गई है. सकारात्मकता दर 3.29 प्रतिशत हो गया है और मामले की मृत्यु दर 1.28 प्रतिशत है.
छात्रों के लिए एडवायजरी
आपको बता दें, सक्रिय मामलों में से 162 मरीज होम आइसोलेट हैं और 13 अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से छह लोगों का इलाज आईसीयू में किया जा रहा है. COVID-19 मामलों में वृद्धि ने कर्नाटक में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के एसोसिएटेड मैनेजमेंट (केएएमएस) को एहतियाती उपाय के रूप में एक सलाह जारी करने के लिए प्रेरित किया है. COVID-19 सब वेरिएंट JN.1 के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य में स्कूलों को अलर्ट पर रखा गया है. केएएमएस ने स्कूलों से बीमार छात्रों को कक्षाओं में भाग लेने से रोकने की गुजारिश की है. स्कूलों को नियमित रूप से तापमान की जांच करने, स्कूल क्षेत्रों को साफ करने और छात्रों को मास्क पहनने के लिए कहा गया है. मामले के मद्देनजर, कुछ स्कूलों ने तापमान रीडिंग लेना शुरू कर दिया है. जारी एडवाइजरी के मुताबिक जो छात्र स्कूल में अस्वस्थ महसूस करते हैं, उन्हें एक अलग कमरे में भेजा जाना चाहिए, प्राथमिक उपचार दिया जाना चाहिए और माता-पिता को एक सूचना भेजी जानी चाहिए.
भारत में COVID-19 सब वेरिएंट JN.1 के मामले
गोवा में COVID-19 उसब वेरिएंट JN.1 के 19 मामले और केरल और महाराष्ट्र में एक-एक मामले का पता लगाया गया है. नए मामलों के बारे में बात करते हुए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने बुधवार को कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है. बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने पूरे भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा की और कोरोनोवायरस के उभरते प्रकारों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर दिया.
सतर्कता है जरूरी
असल में केरल में कोविड पॉजिटिव मिले मामलों में 50% लोगों में कोई लक्षण ही नहीं दिख रहे हैं. जबकि सिर्फ 50% मामलों में ही लक्षण नजर आ रहे हैं. प्रशासन का कहना है कि मामूली से लक्षणों पर भी टेस्ट कराना चाहिए. साथ ही ऐसे लोग जिन्होंने ऐसे रिश्तेदार जो पॉजिटिव पाए गए हैं, उनसे मुलाकात की है तो टेस्ट जरूर कराना चाहिए. जाने माने डॉक्टर्स की राय में ये वेरिएंट अभी तक बहुत घातक नहीं है, लेकिन चिंता की बात ये है कि ये बहुत तेज़ी से फैलता है. अब तक 40 से ज़्यादा देशों में इस वेरिएंट ने अपने पांव पसार दिए हैं. जिस तरह ओमिक्रॉन छींक से निकलने वाले कणों के जरिए हवा में फैलता है. वैसे ही इस जेएन-1 वेरिएंट को लेकर भी ये कहा जा रहा कि छींक से फैल रहा है. लेकिन ओमिक्रॉन के दूसरे सब वेरिएंट्स के मुक़ाबले इसमें भी नाक और गले से निकलने वाले फ्लूड में वायरल लोड ज़्यादा होता है. माइक्रोबायलॉजिस्ट की राय में ये इन्फ्लूएंजा से ज़्यादा ख़तरनाक़ है.