Medical benefits of marriage: शादी करने के ये हैं बड़े फायदे, मेडिकल साइंस ने सर्वे में किया खुलासा
शादी के फायदे: शादी करने के मेडिकली तौर पर कई फायदे पहले ही कई रिसर्च में खुलासा हो चुका है लेकिन हाल ही में नार्वे में हुई एक रिसर्च में कुछ और फायदे सामने निकलकर आए हैं, पढ़िए
Medical Benefits of Marriage: कई लोग शादी को फिज़ूल समझते हैं. लेकिन शादी जिंदगी का एक बहुत अहम हिस्सा है. इसका कई रिसर्च में खुलासा भी हो चुका है. हाल ही में यूरोपीय देश नॉर्वे में की गई एक रिसर्च में मध्य और वृद्धावस्था में शादी करने के ज्यादा मेडिकली फायदे निकलकर सामने आए हैं. इससे पहले भी शादी और गैर शादीशुदा जिंदगी को लेकर कई स्टडीज सामने आ चुकी हैं, जिनमें शादी के कई फायदों के बारे में बताया गया है.
नॉर्वे में हुई रिसर्च से पता चला है कि शादीशुदा लोग दिमागी बीमारी या बुढ़ापे में होने वाली समस्याओं से महफूज़ रहते हैं. मेडिकल जर्नल 'नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन' में पब्लिश हुई रिसर्च के मुताबिक जिन लोगों की शादी मध्यम या ज्यादा उम्र में होती है, उनमें बुढ़ापे में डिमेंशिया समेत दिमाग से जुड़ी समस्याएं पैदा होने का खतरा काफी कम होता है. डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी है जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है, हालांकि, अलग-अलग दवाओं और खाने के ज़रिए डिमेंशिया को कंट्रोल जरूर किया जा सकता है.
इस संबंध में पहले भी कई रिसर्च सामने आ चुकी हैं. याददाश्त कमजोर होने या दिमागी तौर पर कमजोर हो जाने का बुढ़ापे से गहरा संबंध है, यानी बढ़ती उम्र के साथ ये बीमारियां इंसान को अपने आप जकड़ लेती हैं. हालांकि इनसे बचने के कई तरीके हैं, जिनमें से एक है शादी. नॉर्वे में किए गए शोध के दौरान, एक्सपर्ट्स ने 44 से 65 साल की उम्र के 8,700 से ज्यादा पुरुषों और महिलाओं का सर्वे किया गया.
सर्वे के लोगों में वे लोग शामिल थे जो गैर शादीशुदा या तलाकशुदा थे और कुछ के पति या पत्नी अलग थे. सर्वे में एक्सपर्ट्स ने सर्वे के लिए चुने गए लोगों की शादी की उम्र, उनके बच्चों और उनकी रोजमर्रा की जिंदगी व खाने की आदतों की भी जांच की. बाद में इन लोगों का डिमेंशिया और दिमागी सेहत समेत अन्य समस्याओं के लिए मूल्यांकन किया गया. अध्ययन के दौरान पता चला कि जिन लोगों का जीवनसाथी नहीं था उनमें डिमेंशिया या डिमेंशिया होने की संभावना ज्यादा थी.
एक्सपर्ट्स ने पाया है कि जिन लोगों की शादियां बरकरार रहती हैं उनकी दिमागी सेहत थोड़ा बेहतर होती है और वे दिमागी तौर पर वे ज्यादा एक्टिव होते हैं. हालांकि, एक्सपर्ट्स ने कहा कि यह बिल्कुल सच नहीं है कि शादी बुढ़ापे में डिमेंशिया से सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन नतीजे बताते हैं कि शादीशुदा लोगों में इन बीमारी से पीड़ित होने की संभावना 8 फीसद तक होती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक कि ऐसा लगता है जैसे विवाहित लोगों के बच्चे और परिवार होते हैं, जो उन्हें अकेलेपन से छुटकारा दिलाते हैं और वे सामाजिक तौर पर काफी एक्टिव रहते हैं.
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