Nipah Virus: कोरोना के बाद भारत में निपाह वायरस ने दस्तक दी है. इस वायरस से परेशान लोगों की लगातार संख्या बढ़ती जा रही है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICRM) ने निपाह वायरस को लेकर बड़ी चेतावनी दी है. ICRM का कहना है कि निपाह वायरस से संक्रमित लोगों के मरने की दर कोरोना महामारी के मुकाबले बहुत ज्यादा है. कोरोना से मरने वालों की दर 2 से 3 फीसद रही वहीं निपाह से मरने वालों की तादाद 40 से 70 फीसद है. ICMR के इस ऐलान के बाद लोगों में इसके लिए डर पैदा हो रहा है. 


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भारत में 6 लोगों की मौत


आपको बता दें कि केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस का एक और मामला सामने आया है. 39 साल का एक शख्स इस वायरस से इंफेक्टेड हो गया है. कोझिकोड में निपाह वायरस से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. 


मलेशिया में फैला


जानकारों की मानें तो निपाह कोई नई बीमारी नहीं है. सबसे पहले ये वायरस मलेशिया के कुछ किसानों में पाया गया था. ये किसान खेती करते थे और जानवरों के साथ रहते थे, खासकर सुअर के साथ. इस वायरस से मरने वालों की दर 40 से 75 फीसदी तक है. 1999 के बाद से फिर वहां कोई मामला नहीं आया.


पाम और खजूर से फैलता है वायरस


बताया जाता है कि निपाह वायरस के लक्षण 2018 में मिले. यह वायरस भारत में सुअर से नहीं बल्कि चमगादड़ से फैला था. TV9 ने डॉक्टर संजय राय के हवाले से लिखा है कि "हम पाम जूस पीते हैं या खजूर खाते है, इन पर चमगादड़ की पेशाब से इन्फेक्शन फैलता है." साल 2018 में भारत में इस वायरस से 20 लोग मरे थे. इसके बाद इस पर काबू पाया गया.


निपाह के लक्षण


जो शख्स इस वायरस की चपेट में आता है उसके गले में खराश, जुकाम होना, खांसी होना, बुखार आना और बेहोशी आना शामिल है. इंसान ज्यादा बीमार होने पर कोमा में चला जाता है.


इस तरह करें बचाव


एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर कोई शख्स इस वायरस से संक्रमित है, तो उस जगह जाने से बचें. अगर जाएं तो सावधानी के साथ. बताया जाता है कि इस वायरस को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसका सोर्स चमगादड़ है. चमगादड़ को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता.