डॉक्टर बार-बार कहते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए हर व्यक्ति को प्रतिदिन छह से सात घंटे सोना चाहिए. लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बढ़ते काम के दबाव और मनोरंजन के साधनों की उपलब्धता के कारण लोगों की नींद हराम हो गई है. देर रात तक जागने और मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने से रात को जरूरी नींद नहीं मिल पाती है. इससे सामान्य नींद का पैटर्न बुरी तरह बिगड़ गया है. अक्सर लोग भूल जाते हैं कि कम नींद लेने की वजह से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर बूरा प्रभाव पड़ता है.


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नींद की कमी के कारण स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं


एक अध्ययन के मुताबिक, जो लोग कम सोते हैं उन्हें हृदय रोग, तनाव, चिंता, मधुमेह, अवसाद आदि जैसी कई बीमारियों का खतरा होता है. पेन स्टेट यूनिवर्सिटी ने इस अध्ययन में लगभग चार हजार लोगों पर अध्ययन किया. दस साल तक चले इस अध्ययन में लोगों की नींद के पैटर्न को देखा गया. इसके तहत अध्ययन में भाग लेने वाले लोगों के नींद के पैटर्न को चार श्रेणियों में पहचाना गया. इसमें कई सोने वाले, सप्ताहांत पर सोने वाले, खर्राटे लेने वाले और अनिद्रा से पीड़ित लोग शामिल हैं. 7 घंटे से कम सोने से इम्यून सिस्टम की उत्पादन क्षमता कम हो जाती है. यह प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है और सर्दी, फ्लू और अन्य संक्रमण जैसी बीमारियों का कारण बनता है.


इन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है


अध्ययन में पाया गया कि अध्ययन में भाग लेने वाले अधिकांश लोगों को कम नींद मिल रही थी, जिससे अनिद्रा की समस्या हो रही थी. सभी मॉडल स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं हैं. इस अध्ययन में जिन लोगों को अनिद्रा की शिकायत थी, उनमें हृदय रोग, मधुमेह, अवसाद और शारीरिक कमजोरी के लक्षण दिखे. इसके साथ ही दिन में बार-बार सोने वाले लोगों में डायबिटीज, कैंसर के साथ-साथ शारीरिक कमजोरी का खतरा भी पाया गया है.कम पढ़े-लिखे और बेरोजगार लोगों में अनिद्रा से पीड़ित होने की संभावना ज्यादा होती है. 


जीवनशैली में सुधार की जरूरत


डॉक्टरों का कहना है कि उचित नींद का पैटर्न अपनाने के लिए व्यक्ति को अपनी जीवनशैली की आदतों में सुधार करना और नींद के महत्व को समझना जरूरी है. नियमित व्यायाम, मोबाइल का कम उपयोग, कैफीन का कम सेवन आपकी नींद में सुधार कर सकता है. ऐसा कहा. जाता है कि यह न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि आपके शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भी बहुत जरूरी है. नींद की कमी के कारण ज्यादा खाना खाने से वजन बढ़ने लगता है. अध्ययन से पता चला कि जो लोग रात में 4 घंटे से कम सोते थे उनके शरीर में वसा की मात्रा 10% बढ़ गई.


नोट: ये स्टोरी सामान्य जानकारी पर आधारित है. किसी भी नुस्खे के सटीक परिणाम के लिए एक बार एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.