गाड़ी की हेडलाइट पड़ते ही चैंधिया जाती हैं आपकी आँखें, तो हो सकता है मोतियाबिंद; ये हैं इसके लक्षण
अगर आपको दूर या पास का कम दिखाई दे, गाड़ी ड्राइव करने में परेशानी हो या दूसरे व्यक्ति के चेहरे के भावों को पढ़ने में परेशानी हो तो समझिए की आप की आंखों में मोतियाबिंद बढ़ रहा है.
What is the first sign of Cataracts?: अगर आपको दूर या पास का कम दिखाई दे, गाड़ी ड्राइव करने में परेशानी हो या दूसरे व्यक्ति के चेहरे के भावों को पढ़ने में परेशानी हो तो समझिए की आप की आंखों में मोतियाबिंद बढ़ रहा है. लेंस आंख का एक स्पष्ट भाग है, जो लाइट या इमेज को रेटिना पर फोकस करने में मदद करता है. रेटिना आंख के पिछले भाग पर प्रकाश के प्रति संवेदनशील उतक है. सामान्य आंखों में, प्रकाश पारदर्शी लेंस से रेटिना को जाता है. एक बार जब यह रेटिना पर पहुंच जाता है, प्रकाश नर्व सिग्नल्स में बदल जाता है जो मस्तिष्क की ओर भेजे जाते हैं.
रेटिना शार्प तस्वीर प्राप्त करे इसके लिए जरूरी है कि लेंस क्लियर हो. जब लेंस क्लाउडी हो जाता है तो लाइट लेंसों से स्पष्ट रूप से गुजर नहीं पाती, जिससे जो इमेज आप देखते हैं वो धुंधली हो जाती है. इसके कारण दृष्टि के बाधित होने को मोतियाबिंद या सफेद मोतिया कहते हैं. नजर धुंधली होने के कारण मोतियाबिंद से पीड़ित लोगों को पढ़ने, नजर का काम करने, कार चलाने (खासकर रात के समय) में समस्या आती है.
मोतियाबिंद के कारण:
उम्र का बढ़ना, डायबिटीज, मोटापा, आंखों में चोट लगना या सूजन पहले हुई आंखों की सर्जरी इसके मुख्य कारण है.
मोतियाबिंद के लक्षण:
इसके लक्षण है दृष्टि में धुंधलापन या अस्पष्टता बुजुर्गों में निकट दृष्टि दोष में निरंतर बढ़ोतरी, रंगों को देखने की क्षमता में बदलाव क्योंकि लेंस एक फ़िल्टर की तरह काम करता है, रात में ड्राइविंग में दिक्कत आना, सामने से आती गाड़ी की हैडलाइट से आँखें चैंधियाना, दिन के समय आँखें चैंधियाना.
जब चश्मे या लेंस से आपको स्पष्ट दिखाई न दे तो सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है. सर्जरी की सलाह तभी दी जाती है जब मोतियाबिंद के कारण आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित होने लगती है. सर्जरी में जल्दबाजी न करें, क्योंकि मोतियाबिंद के कारण आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन अगर आपको डायबिटीज है तो इसमें देरी न करें. अगर बात करें इलाज की तो मोतियाबिंद का इलाज किसी भी निजी अस्पताल कम कीमतों में हो जाता है.
ये तमाम जानकारी हमारे साथ डॉक्टर निमिशा नागपाल ने साझा की है.