महिलाएं आमतौर पर अपनी सेहत को लेकर थोड़ी ढिलाई बरतती हैं. यह सच है कि जो महिलाएं परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य की रक्षा करने का बीड़ा उठाती हैं, वे अपने बारे में भूल जाती हैं. सेहत के मामले में महिलाओं की यही ढिलाई उन्हें आगे चलकर कई गंभीर बीमारियों का शिकार बना देती है. इसका प्रमाण महिला मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी है. हममें से बहुत से लोग स्वास्थ्य के बारे में तभी सोचते हैं जब हम बीमार होते हैं. हम हर चीज में सावधानी बरतते हैं और सेहत के मामले में हम बहुत पीछे हैं.


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मधुमेह 
मधुमेह 50 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं में हार्मोनल चेंज के वजह से भी पेट की चर्बी बढ़ सकती है. अतिरिक्त वसा इंसुलिन हार्मोन की क्रिया को रोकती है. इससे मधुमेह हो जाता है.


हाई ब्लड प्रेशर
 ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव मध्य आयु में महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली आम समस्याओं में से एक है. जैसे-जैसे रहन-सहन की स्थिति बढ़ती है, व्यायाम कम हो जाता है और खान-पान की आदतें बदल जाती हैं. यह कुछ हद तक इस बीमारी को निमंत्रण देता है.


ज्यादा वजन
 जीवन की भागदौड़ में हम सब उचित आहार लेना भूल जाते हैं जो कि मोटापे का कारण बन जाता है. मोटापा कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन जाता है.


 थायराइड हार्मोन वैरीएटन
 थायराइड हार्मोन गर्दन के सामने स्थित थायरॉयड ग्रंथि द्वारा निर्मित होते हैं. यह हार्मोन हमारे शरीर के तापमान, हृदय गति और कई अन्य शारीरिक कार्यों को भी नियंत्रित करता है. जब थायराइड असंतुलित हो जाता है, तो यह आपके शरीर के हर कार्य को प्रभावित करता है जैसे ऊर्जा स्तर, शरीर का तापमान, प्रजनन क्षमता, वजन बढ़ना, हानि, मासिक धर्म, बालों का स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, हृदय गति.


मेनोपॉज
 आमतौर पर ज्यादातर महिलाओं में मेनोपॉज 45 से 55 वर्ष की उम्र के बीच शुरू होता है. मेनोपॉज के लक्षण बहुत से हैं. लक्षणों में रात में बहुत पसीना आता है, योनि का सूखापन, चिंता और मूड में बदलाव जैसी चीजे शामिल होती हैं.