Isreal Turkey: इजरायल बाते कई महीनों से फिलिस्तीन के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. इजरायल की तरफ से हमले में 38 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं. ऐसे में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगान ने इजरायल पर हमला करने की धमकी दी. इस पर सोमवार को एक सीनियर तुर्की अधिकारी ने इजरायल सरकार पर इल्जाम लगाया कि वह राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को निशाना बनाकर "अपने युद्ध अपराधों को छिपाने" की कोशिश कर रही है. एर्दोगन के संचार प्रमुख फहरेटिन अल्तुन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि जो लोग राष्ट्रपति को धमकी देते हैं, वे "अपने अपने गुनाहों को छिपाते हैं वह ऐसा करते हैं." पोस्ट में गाजा में फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई की आलोचना की गई. रविवार देर रात सत्तारूढ़ पार्टी के अधिकारियों को दिए गए टेलीविज़न भाषण में, एर्दोगान ने इजरायल के सैन्य अभियानों पर बयानबाजी की थी.


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फिलिस्तीन के साथ हैं एर्देगान
फहरेटिन अल्तुन ने कहा कि "जैसे हमने काराबाख में एंटर किया, जैसे हमने लीबिया में एंटर किया, हम उनके साथ भी ऐसा ही कर सकते हैं." उन्होंने आगे कहा कि "ऐसी कोई वजह नहीं है कि हम ऐसा न कर सकें. हमें मजबूत होना चाहिए ताकि हम ये कदम उठा सकें." एर्दोगन, जो गाजा में इजरायल के हमले की कड़ी आलोचना करते रहे हैं, लीबिया के संघर्ष में तुर्की की भागीदारी और नागोर्नो-करबाख में अर्मेनियाई अलगाववादियों से लड़ने में अजरबैजान के समर्थन का जिक्र करते नजर आए.


इजरायल का जवाब
इसके जवाब में, इजरायल के विदेश मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक पोस्ट में कहा कि एर्दोगन "सद्दाम हुसैन के नक्शेकदम पर चलते हैं और इजरायल पर हमला करने की धमकी देते हैं." पोस्ट में एर्दोगन और पूर्व इराकी नेता की तस्वीरें थीं, जिन्हें 2006 में मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मार दिया गया था. कैट्ज ने कहा: "बस उन्हें याद रखना चाहिए कि वहां क्या हुआ और इसका अंत कैसे हुआ." नाटो सदस्य तुर्की खुद को फिलिस्तीनी अधिकारों का एक मजबूत समर्थक बताता है और हमास नेताओं को सपोर्ट करता है. हमास को पश्चिम में एक आतंकवादी संगठन के रूप में जाना जाता है. हालांकि कुछ देश जिनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं वह हमास को आतंकवादी नहीं मानता.