Israel Hamas War: गाजा में 4 महीने से ज्यादा वक्त से इजरायल के हमले जारी हैं. ऐसे में गाजा में सीजफायर के लिए आज यानी मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वोटिंग होनी है. इस बार यूएन में सीजफायर के लिए प्रस्ताव अल्जीरिया की तरफ से पेश किया गया है. वोटिंग में सबकी निगाहें अमेरिका पर टिकी हैं. लोग देखेंगे कि अमेरिका का इजरायल-हमास सीजफायर पर क्या रुख रहता है. अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य है और उसके पास वीटो है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जंगबंदी के लिए वोटिंग
तकरीबन दो हफ्ता पहले अल्जीरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गाजा में सीजफायर के लिए मसौदा पेश किया. इस पर अमेरिका ने कहा कि यह मामला सीजफार के लिए पहले से चल रही बातचीत को खतरे में डाल सकता है. इसके बाद अल्जीरिया ने शनिवार को गुजारिश की कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद मंगलवार को मतदान करे. यूएन में किसी भी प्रस्ताव के मंजूर होने के लिए 9 वोटों की जरूरत होती है लेकिन अगर अमेरिका, ब्रिटेन, चीन या रूस किसी प्रस्ताव पर वीटो करते हैं तो वह प्रस्ताव रुक जाता है.


अमेरिका ने किया वीटो
पिछले मतदानों की तरह इस बार भी अमेरिका पर सबकी निगाहें बनी रहेंगी. पिछले दो चुनावों में अमेरिका ने दो बार सीजफायर के खिलाफ वीटो किया है. अमेरिका इजरायल का सहयोगी है. इसलिए वह इजरायल को संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई से बचाना चाहता है. हालांकि अमेरिका गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने के पक्ष में है.


जारी है जंगबंदी के लिए बातचीत
गौरतलब है कि इजरायल और हमास के दरमियान पहले से ही जंगबंदी को लेकर बातचीत चल रही है. हमास ने जंगबंदी के लिए अपनी मांगे रखी हैं, जिन्हें इजरायल ने ठुकरा दिया है. 


क्या है पूरा मामला?
दरअसल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया. इस हमले में 1200 लोगों की जान चली गई. इसके बाद इजरायल ने हमास वाले इलाके गाजा पर हमला किया. इन हमलों में अब तक 28 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई है. गाजा के हालात खराब हो गए हैं.