Isreal Hamas War: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऐलान किया है कि वह दक्षिणी गाजा के शहर राफा में जमीनी अभियान के लिए अगले हफ्ते कैबिनेट की मंजूरी मांगेंगे. राफा में गाजा की आधी से ज्यादा आबादी ने इजरायल की बमबारी से बचने के लिए शरण ले रखी है. नेतन्याहू ने शनिवार को कहा कि वह "नागरिक आबादी की निकासी सहित राफा में कार्रवाई की योजनाओं की मंजूरी के लिए अगले हफ्ते की शुरुआत में अपने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाएंगे." उन्होंने लिखा, "सैन्य दबाव और ठोस बातचीत से ही हमारे बंधकों की रिहाई, हमास का खात्मा और जंग का मकसद हासिल होगा."


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शिविर बन गया राफा
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा पट्टी का सबसे दक्षिणी शहर राफा एक विशाल शरणार्थी शिविर बन गया है, जहां लगभग 1.4 मिलियन लोग कैंपों में रह रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि राफ़ा में इज़रायल के सैन्य अभियान के विस्तार के गंभीर मानवीय परिणाम होंगे.


हमले से होगी तबाही
इजरायल का कहना है कि हमास ने इसी इलाके में इजरायली बंधकों को रखा है. इससे पहले कतर ने कहा था कि अगर इजरायल राफा में शर्णार्थियों पर हमला करेगा, तो इससे कई मासूम लोगों की जान जाएगी. इजरायल के हमले से यहां मानवीय त्रासदी होगी, जो पहले से भुखमरी से जूझ रहे हैं.


नहीं हुआ सीजफायर
आपको बता दें कि इजरायल और हमास के दरमियान कतर युद्धविराम को लेकर समझौता कराने की कोशिश की. हमास ने इजरायल के सामने ये शर्त रखी कि वह इजरायली बंधकों को तभी छोड़ेगा जब इजरायल 3000 फिलिस्तीनियों को छोड़ेगा और गाजा से अपने सैनिक हटा लेगा. इस समझौते को इजरायल के प्रधानमंत्री ने मानने से इंकार कर दिया. 


क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि हमास ने इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था, जिसमें 1200 इजरायली मारे गए थे और 250 फिलिस्तीन बंधक बनाए गए थे. इसके बाद इजरायल ने हमास वाले इलाके गाजा पर हमले करना शुरू किया. इन हमलों में अब तक 29 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. हमलों में कई हजार लोग जख्मी हुए और लाखों बेघर हो गए.