Netanyahu in US: फिलिस्तीनी समर्थकों ने नेतन्याहू को किया परेशान, खाने की टेबल पर डाले कीड़े
Netanyahu in US: नेतन्याहू फिलहाल यूएस में है, इस दौरान उन्हें फिलिस्तीन समर्थकों ने काफी परेशान किया. इजराइली प्रधानमंत्री जिस होटल में रुके हुए थे वहां कीड़े छोड़ दिए और अलार्म बजा दिया.
Netanyahu in US: फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों और दूसरे कार्यकर्ताओं ने वाशिंगटन डीसी के वाटरगेट होटल में कथित तौर पर कीड़े और झींगुर छोड़ दिए, जहां इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ठहरे हुए हैं. बुधवार, 24 जुलाई को इंस्टाग्राम पर फिलिस्तीनी युवा आंदोलन ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें इजरायल और अमेरिकी झंडों से घिरी एक मेज पर कुछ झींगुर घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं.
फिलिस्तीन समर्थकों ने होटल में झोड़े झींगुर
संगठन ने कहा, "बॉन एपेटिट!! अपराधी ज़ायोनीवादियों की युद्ध मेज पर कीड़े छोड़े गए". संस्था ने आगे लिखा,"फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने कल रात वाटरगेट होटल में अराजकता फैलाई ताकि नेतन्याहू, इजरायली मोसाद एजेंट और सीक्रेट सर्विस को शांति न मिले क्योंकि वे हमारे लोगों को आतंकित करना जारी रखते हैं."
कई मंजिलों पर 30 मिनट से अधिक समय तक फायर अलार्म बजाए गए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नेतन्याहू को कोई आराम न मिल पाए. इसमें आगे कहा गया, "हमारे लोगों की मौत और उनके समाज के पतन से उनके सपने प्रभावित हो सकते हैं. "युवा आंदोलन" ने पोस्ट के आखिर में लिखा, "जब तक युद्ध अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक कोई शांति नहीं होगी, कोई आराम नहीं होगा".
होटल ने जारी किया बयान
न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए गए एक बयान में वाटरगेट होटल ने इस घटना की जानकारी दी है. होटल ने कहा कि वह अतिथियों की सुरक्षा और कर्मचारियों के कल्याण को प्राथमिकता देता है, संपत्ति को साफ रखता है और अधिकारियों के साथ सहयोग करता है. होटल ने कहा, "हम स्थिति को संभालने वाले अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं. चूंकि यह एक खुला मामला है, इसलिए हम इस समय कोई और जानकारी देने में असमर्थ हैं."
यूएस पहुंचे हैं इजराइली प्रधानमंत्री
इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू सोमवार 22 जुलाई को वाशिंगटन पहुंचे, जहां उनकी राष्ट्रपति जो बिडेन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बैठकें होंगी. 7 अक्टूबर 2023 से, इज़रायली सेना गाजा पट्टी पर विनाशकारी युद्ध लड़ रही है, जिसमें लगभग 39,090 फिलिस्तीनी मारे गए और 90,147 घायल हुए, जिससे बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विनाश हुआ है और अभूतपूर्व मानवीय तबाही हुई है.