Israel Palestine: इजरायल के दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर ने एक बयान में कहा है कि वह अल-अक्सा मस्जिद परिसर में सिनगॉग बनाएंगे. इस पर फिलिस्तीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. फिलिस्तीन ने इजरायली मंत्री के बयान की निंदा की है. फिलिस्तीनी राष्ट्रपति पद के प्रवक्ता नबील अबू रुदैनेह ने सोमवार को जारी एक प्रेस बयान में कहा कि फिलिस्तीनी लोग पवित्र अल-अक्सा मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. मस्जिद के साथ छेड़छाड़ की इजाजत बिल्कुल नहीं दी जा सकती.


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मजबही जंग में घसीटने की कोशिश
अबू रुदैनेह ने कहा कि बेन-ग्वीर ने इस इलाके को "एक मजहबी जंग में घसीटने की कोशिश है, जो सभी को जला देगा". उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, खास तौर से अमेरिकी प्रशासन से दक्षिणपंथी इजरायली सरकार पर लगाम लगाने की गुजारिश की है. रुदैनेह ने यरूशलम में कानूनी और ऐतिहासिक यथास्थिति का पालन करने के लिए इजरायल को मजबूर करने के लिए कार्रवाई की मांग की है.


मुसलमान-यहूदी मानते हैं पवित्र
अल-अक्सा मस्जिद परिसर, को मुसलमान और यहूदी दोनों ही पवित्र मानते हैं. मस्जिद परिसर लंबे वक्त से दोनों पक्षों के बीच हिंसा का केंद्र रहा है. गैर-मुस्लिम श्रद्धालु पुराने शहर के बीचों-बीच मौजूद इस जगह पर जा सकते हैं, लेकिन उन्हें वहां प्रार्थना करने की इजाजत नहीं है.


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यहूदी-मुसलामनों में नहीं है भेद
सोमवार को पहले इजरायली आर्मी रेडियो को दिए गए बयान में बेन-ग्वीर ने कहा कि "यहूदी मंदिर पर्वत पर प्रार्थना कर सकते हैं." उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान, यहूदियों और मुसलमानों के बीच कोई भेदभाव नहीं होगा. इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक प्रेस बयान में कहा कि "मंदिर पर्वत में यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है". उन्होंने आगे कहा कि "अगर मैं कुछ कर सकता, तो मैं इस स्थल पर इजरायली झंडा लगा देता."


क्या है बयान?
आपको बता दें कि अल-अक्सा मस्जिद परिसर जॉर्डन के कंट्रोल में है. लेकिन इस स्थल तक पहुंच को इज़राइली सुरक्षा बलों की तरफ से कंट्रोल किया जाता है. बेन-ग्वीर ने आर्मी रेडियो से कहा कि यहूदियों को परिसर में प्रार्थना करने की इजाजत दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, "अरब जहां चाहें प्रार्थना कर सकते हैं, इसलिए यहूदियों को जहां चाहें प्रार्थना करने की इजाजत होनी चाहिए," उन्होंने दावा किया कि "वर्तमान नीति यहूदियों को इस स्थल पर प्रार्थना करने की इजाजत देती है."