Hezbollah commander Fuad Shukur Death: इसराइल ने 30 जुलाई को लेबनान में मौजूद हिजबुल्लाह के कई ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें हिजबुल्लाह के कमांडर फौद शुकुर की मौत हो गई. इसराइली फौज ने यह जानकारी दी है. इसी हफ्ते हिजबुल्लाह ने इसराइल पर कई रॉकेट हमले किए थे, जिसमें 12 बच्चों की मौत हो गई थी. जिसके बाद इसराइल ने इस घाकत हमले के लिए हिजबुल्लाह के कमांडर फौद शुकुर को दोषी ठहराया था और अमेरिका ने उस पर 1983 में बेरूत में बमबारी की साजिश रचने का आरोप लगाया था, जिसमें 241 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे.


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इसराइल के दावों में कितनी है सच्चाई
इसराइली सैन्य प्रवक्ता डैनियल हगरी के एक बयान में कहा गया है कि फौद शुकुर ने 27 जुलाई को गोलान हाइट्स पर कई रॉकेट हमले किए थे. जिसमें 12 बच्चों की मौत हो गई थी. हालांकि, हिजबुल्लाह ने इस हमले के पीछे होने से इनकार किया था. वहीं, इस बात की दस्दीक नहीं हुई है कि शुकुर 27 जुलाई को हवाई हमले में मारा गया है. अगर इसराइल का दावा सही साबित होता है, तो शुकुर 2016 के बाद से मारे जाने वाला हिजबुल्लाह का सबसे सीनियर कमांडर होगा. इससे पहले सीरीया में संगठन के सैन्य कमांडर मुस्तफा बदरेद्दीन की सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक विस्फोट में मौत हो गई थी.


आधुनिक हथियारों से लैस रहता था शुकुर
इसराइली सेना ने कहा कि शुकुर इसराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद से ही इसराइल पर हिजबुल्लाह को हमले करने का आदेश दिया था और पिछले कई सालों से इसराइली नागरिकों की हत्या में भी शामिल था. शुकुर हिजबुल्लाह का सबसे ताकतवर कमांडर था और उसके पास कई आधुनिक हथियार थे, जिसमें गाइडेड मिसाइल, क्रूज़ मिसाइल, एंटी-शिप मिसाइल, लंबी दूरी के रॉकेट और यूएवी शामिल हैं.


कई नामों से जाना जाता है शुकर
62 साल का शुकुर इसराइल की सीमा पर दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह की सेनाओं का प्रभारी था और साथ ही संगठन के मिसाइल कार्यक्रम में एक टॉप अधिकारी भी था. वह हिजबुल्लाह के टॉप सैन्य चीफ इमाद मुगनियाह का करीबी सहयोगी था, जिसकी साल 2008 में दमिश्क में एक कार ब्लास्ट में मौत हो गई थी. शुकुर तब से हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह का करीबी सैन्य सलाहकार था. हिजबुल्लाह के ज्यादातर सैन्य अधिकारियों की तरह, शुकुर के बारे में बहुत कम जानकारी है, जिसे सईद मोहसेन के नाम से भी जाना जाता था. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने उसके बारे में जानकारी देने वाले को 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम देने की पेशकश की थी.


हिजबुल्लाह के साथ साल 1982 से है जुड़ा
जब 1982 में लेबनान पर इसराइली हमले के बाद हिजबुल्लाह की स्थापना हुई थी, तब वह हिजबुल्लाह में शामिल हो गया था, जिसने फिलिस्तीन मुक्ति संगठन को लेबनान छोड़ने के लिए मजबूर किया था. शुकुर हिजबुल्लाह की जिहादी परिषद का सदस्य था, जो समूह का शीर्ष सैन्य निकाय है, पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने बेरूत में मरीन कॉर्प्स बैरक पर ट्रक बम विस्फोट की योजना बनाने और उसे अंजाम देने का आरोप लगाया था, जिसमें 241 अमेरिकी सेवा सदस्य मारे गए थे.


फ्रांस के 58 पैराट्रूपर्स मारे गए थे
23 अक्टूबर, 1983 को बेरूत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास बम विस्फोट हुआ था. जिसमें फ्रांसीसी सेना के 58 पैराट्रूपर्स मारे गए थे. 21 जुलाई, 2015 को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने हिजबुल्लाह के लिए या उसकी तरफ से काम करने के लिए शुकुर को "विशेष रूप से नामित नागरिक" के रूप में सूचीबद्ध किया.