साल बदलने के साथ-साथ लोग अपनी कई चीज़ें बदलने के बारे में सोचते हैं. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि भारत में हर चौधा एम्प्लॉई अपनी नौकरी बदलने के बारे में सोच रहा है. वहीं दुनिया में ये आकड़ा 28 फीसदी है, यानी कि दुनिया में 28 फीसदी कर्मचारी अपनी जॉब बदलने के बारे में सोच रहे हैं. भारत में हर चौथा कर्मचारी अपनी जॉब से किसी न किसी प्रकार से खुश नहीं है और नौकरी के नए अवसर तलाश कर रहा है. बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की रिपोर्ट मुकाबिक भारत में भी बड़े स्‍तर पर एम्प्लॉइज जॉब बदलने की तैयारी में हैं. 


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क्यों दूसरी नौकरी चाहते हैं लोग?
प्राइवेट सेक्टर में जॉब करने वाले एम्प्लॉइज का कहना है कि इस महंगाई के दौर में इंफ्लेशन इतना बढ़ रहा है और सैलेरी में मामूली इंक्रीमेंट होता है. इस मामूली इंक्रीमेंट के साथ परिवार चलाना संभव नहीं है, इसके अलावा कई और वजह भी हैं जैसे ज्यादा घंटे काम, भविष्य में ग्रोथ की कम संभावनाए और दूसरी भावनात्‍मक आवश्‍यकताएं भी इसकी जिम्मेदार हैं. इस रिपोर्ट ने कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियों को हाइरिंग करने के लिए यह समझना पहले से कहीं अधिक जरूरी है कि उनके कर्मचारियों के लिए वास्तव में क्या मायने रखता है. उनके मायनों को समझ कर कंपनी को अपनी पॉलिसीज़ बनानी चाहिए.


एम्प्लॉइज के लिए सैलेरी सबसे बड़ी पसंद 
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है कि एम्प्लॉइज के लिए सबसे ज्यादा जॉब स्विच करने की वजह सैलेरी है. जब भी कोई एम्प्लॉइ एक कंपनी छोड़कर कोई दूसरी कंपनी जॉइन करता है तो उसको पिछली सैलेरी से ज्यादा सैलेरी दी जाती है. सैलेरी के अलावा जॉब के साथ दी जाने वाली तमाम सहूलियत, छुट्टियां और मैनेजमेंट का व्यवहार भी असर डालता है.


मैनेजर की वजह से भी जॉब बदल रहे लोग
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के इस सर्वे में भारत, जापान, UK, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा समेत 8 देशों के 11 हजार एम्प्लॉइज शामिल थे. इस सर्वे में कर्मचारियों ने 20 से ज्यादा जॉब छोड़ने वाली जरूरतों के बारे में बताया है. कर्मचारियों ने इस बात का भी जिक्र किया कि जॉब बदलने वाली वजहों में से एक बड़ी वजह मैनेजर का उनके प्रति व्यवहार और असंतोष भी है.