फारूक वानी/जम्मू-कश्मीर: वादी में हुकूमत ने जहां होटल्स वगैरा पर पाबंदी आयद करदी है वहीं जम्मु कश्मीर के मुफ्ती नसीरुल इस्लाम ने कहा की वह नमाज़ और मदरसों पर कोई पाबंदी आयद करने में दिलचस्पी नहीं रखते. उन्होंने कहा की यह हमरा मज़हबी मामला है और इस वक्त नमाज़ से ही निजात मिल सकती है. ताहम उन्होंने इस बात पर भी इत्तेफाक किया की हुकूमत को हमारा पूरा तआवुन मिलेगा. 


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मुफ्ती नसीरुल इस्लाम ने कहा कि मदरसों को फिल्हाल बंद कर दिया गया है ताहम दर्सगाहों में जो बच्चे तालीम हासिल कर रहे हैं उनकी बाज़ाब्ता सफाई का खासा ख्याल रखा जा रहा है. उन्होंने कहा की नमाज़ से ही इस बीमारी से हमें निजात मिल सकती है. जुमा के रोज़ भी नमाज़ बराबर अदा की जाएगी और इस बारे में वह कोई भी सरकारी फरमान नही मानेंगे. मुफ्ती नसीरुल इस्लाम ने कहा की पांच वक्त की नमाज़ इस बीमारी से लड़ने के लिए काफी है. मौलाना इस बारे में कहते हैं कि इसमें मदरसे बंद करने या मस्जिदों में नमाज़ अदा करने से कुछ नहीं होगा, दुआ और इस्तग़फार पढ़ने की ज़रूरत है. 


श्रीनगर के मौलाना अख्सर का कहना है कि उन्होंने दर्सगाहों में बच्चों की तालीम बंद नहीं की है बल्कि एहतियात ज़रूरी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह एक वबा है और इससे हमें अल्लाह ही बचा सकता है. बता दें कि जम्मू कश्मीर में 3 और लद्दाख में 4 मरीज़ों के टेस्ट पॉज़िटिव आए हैं और उसके बाद 2 मरीज़ों के टेस्ट भी पॉज़िटिव आए हैं और ये तादाद अब 6 तक पहुंच गई है. श्रीनगर की इंतेज़ामिया भी पूरी तरह से अलर्ट पर हैं और किसी भी चुनौती से लड़ने के लिए तैयार हैं. ज़िला बडगाम, शोपियां और कारगिल में दफा 144 नाफिज़ कर दी गई है.


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