Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को हुई हिंसा के दौरान पब्लिक प्रोपर्टी के नुकसान की भरपाई उपद्रवी तत्वों से करने और पहचान के लिए जगह-जगह उनके पोस्टर लगवाने का आदेश दिया गा है.  प्रदेश की योगी सरकार के इस आदेश के बाद संसद से लेकर सड़क तक सियासी पार्टियों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई.  वहीं, पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए 30 टीमें गठित की गई हैं. उन्होंने बताया कि कोट पूर्वी इलाके से आरोपियों की 100 से ज्यादा तस्वीरें जारी की गई हैं.


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संभल में इंटरनेट पर बैन 48 घंटों के लिए और बढ़ा
संभल में बाजार और स्कूल फिर से खुलने के बावजूद हतियाती उपाय के तहत इंटरनेट पर बैन 48 घंटों के लिए और बढ़ा दिया गया है. उल्लेखनीय है कि संभल शहर के मोहल्ला कोट पूर्वी स्थित मुगल कालीन जामा मस्जिद में पिछले रविवार को अदालत के आदेश पर सर्वे का काम शुरू किया गया था. इसके विरोध में भड़की हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि एक CO समेत कम से कम 25 लोग घायल हो गए थे.


सांसद समेत 2,750 लोगों पर FIR
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक 25 लोगों को अरेस्ट किया है और साथ ही FIR भी दर्ज की है. नामजद आरोपियों में सपा सांसद जिया-उर-रहमान बर्क, लोकल विधायक इकबाल महमूद का बेटा सोहैल इकबाल और 2,750 नामालूम शख्स शामिल हैं.


लोकसभा और राज्यसभा स्थगित
इस बीच, राज्यसभा में अपोजिशन ने संभल में हिंसा की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के गठन की मांग की. इससे संसद के दोनों सदन- लोकसभा और राज्यसभा बिना किसी कामकाज के स्थगित हो गए. दरअसल, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने बुधवार को कहा कि वे संसद में संभल मुद्दे पर बहस करना चाहते हैं और इस हिंसा की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग करते हैं. सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, "हम संभल की घटना पर चर्चा चाहते हैं. हमारे कई सांसदों ने इस संबंध में सभापति को नोटिस जारी किया है. हम सदन में पुलिस और प्रशासन के अमानवीय व्यवहार के बारे में बोलना चाहते हैं."


 'धमकाना और सादे कागज पर उनका अंगूठा लगवाना भी क्राइम'
वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने  सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर एक पोस्ट में पुलिस पर बुरा बर्ताव का आरोप लगाते हुए दावा किया कि अफसरों ने मृतक नईम के परिवार वालों को धमकाया और कोरे कागज पर उनका अंगूठा लगवाया. अपनी पोस्ट में यादव ने एक मीडिया रिपोर्ट संलग्न की है, जिसमें नईम के परिजवार वालों ने दावा किया कि 25 नवंबर की रात करीब 20 पुलिसकर्मी उनके घर आए और मीडिया से बात करने के खिलाफ चेतावनी दी.


यादव ने कहा, "किसी को धमकाना और सादे कागज पर उनका अंगूठा लगवाना भी क्राइम है. हाईकोर्ट को फौरन इसका संज्ञान लेना चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार सभी लोगों को दंडित करना चाहिए. सिर्फ अदालत इंसाफ सुनिश्चित करेगी."