Abbas Ansari News: विधायक अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने अब्बास को अपने वालिद मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा फढ़ने के लिए जेल से बाहर आने की इजाजत दे दी है. अब्बास इस वक्त उत्तर प्रदेश के कासगंज जेल में बंद हैं. उनके वालिद को गाजीपुर में दफन किया गया था. 


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कोर्ट ने दिया ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, अब्बास अंसारी को पुलिस सुरक्षा के बीच आज यानी 9 अप्रैल की शाम कासगंज से गाजीपुर ले जाया जाएगा. वहीं, 10 अप्रैल को मुख्तार अंसारी के घर फातिहा पढ़ा जाना है. इसेक बाद अब्बास अंसारी 11 और 12 अप्रैल को अपने घरवालों से मुलाकात कर पाएगें, लेकिन इस दौरान गाजीपुर जेल में ही रहेंगे. हालांकि, उनसे मिलने वाले की जांच की जाएगी. इस दरमियान अब्बास अंसारी मीडिया से कोई बातचीत नहीं करेंगे. इसके बाद 13 अप्रैल को अब्बास अंसारी को वापस जेल जाना होगा. 


यूपी सरकार ने कोर्ट में दी ये दलील
हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मांग का विरोध किया था. सरकार का कहना था कि अब्बास गैंगस्टर है. उसके खिलाफ संगीन मुकदमे दर्ज हैं. उसे किसी भी तरह की राहत मिलने पर उसके जरिए गवाहों को धमकाने और कानून व्यवस्था की हालत बिगड़ने की उम्मीदों से इनकार नहीं किया जा सकता है.


जनाजे में शामिल होने के लिए मांगी ती इजाजत
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी के बेटे और विधायक अब्बास अंसारी को अपने वालिद के जनाजे में शानिल होने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से इजाजत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने विधायक को राहत देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद अब्बास अंसारी ने अपने वालिद के जनाजे में शामिल होने के लिए SC का रुख किया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी होने की वजह से उसकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी, जिसकी वजह से वह अपने वालिद के जनाजे में शामिल नहीं हो पाए थे.


परिवार ने लगाया था बड़ा इल्जाम
वहीं, जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत 28 मार्च को हुई है. मौत की वजह हार्ट अटैक बताया गया था. जेल प्रशासन के मुताबिक, हार्ट अटैक आने के बाद पूर्व विधयाक को बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. एक अधिकारी के मुताबिक, मुख्तार  रमजान के दरमियान रोजा रख रहे थे. वहीं इफ्तार के बाद उनकी हालत बिगड़ गई. वहीं मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे और बड़े भाई लोकसभा सांसद अफजाल अंसारी ने जेल प्रशासन पर बड़ा इल्जाम लगया था. परिवार वालों ने धीमा जहर देने का इल्जाम लगाया था.