CAA के खिलाफ ओवैसी जाएंगे सुप्रीम कोर्ट; बताया गैर संवैधानिक
Owaisi on CAA: ओवैसी का कहना है कि CAA को NRC और NPR के साथ देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि CAA संविधान के खिलाफ है.
Owaisi on CAA: AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता (संशोधन) कानून (CAA) को संविधान के खिलाफ बताया है. उन्होंने बीते रोज कहा कि अधिनियम के नियमों को अधिसूचित किये जाने के मद्देनजर वह सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. ओवैसी ने कहा कि धर्म के आधार पर कोई कानून नहीं बनाया जा सकता और इसपर सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले भी हैं.
इस्लाम धर्म को नागरिकता नहीं
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा, "यह समानता के अधिकार के खिलाफ है. आप हर मजहब के लोगों को (नागरिकता की) इजाजत दे रहे हैं, लेकिन इस्लाम धर्म के लोगों को यह नहीं दे रहे हैं." केंद्र ने सोमवार को CAA, 2019 को लागू किया और इसके नियमों को अधिसूचित किया.
अमित शाह ने कहा NPR और NRC आएगा
CAA कानून 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है. ओवैसी ने दावा किया कि CAA को राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (NPR) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के साथ जोड़ कर देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "यह सरकार चार साल बाद (CAA के) नियम बना रही. मैं देश को यह बताना चाहता हूं. मौजूदा गृह मंत्री (अमित शाह) ने संसद में मेरा नाम लेते हुए कहा था कि NPR आएगा, NRC भी आएगा. उन्होंने टेलीविजन पर साक्षात्कार में कई बार यह कहा है."
CAA को NPR और NRC के साथ देखें
ओवैसी ने कहा, "मैं कहना चाहता हूं कि केवल CAA को ही मत देखिए. आपको इसे NPR और NRC के साथ देखना होगा. जब वह होगा तब बेशक निशाने पर मुख्य रूप से मुसलमान, दलित, आदिवासी और गरीब होंगे." उन्होंने कहा कि असम में NRC पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की गई कवायद में, 19 लाख नाम नहीं थे. ओवैसी ने दावा किया कि यह कहना गलत है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रह रहे हिंदू, सिख या ईसाई धर्म के लोगों को नागरिकता नहीं दी जा सकती थी.
सुप्रीम कोर्ट जाएंगे ओवैसी
उन्होंने कहा, "सरकार के पास हमेशा ही शक्ति रही है. वे शासकीय आदेश से ऐसा कर सकते थे." उन्होंने कहा, "चूंकि अब नियम बना दिये गए हैं, ऐसे में हम सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. हम इस मुद्दे को अदालत में उठाने की कोशिश करेंगे." यह पूछे जाने पर कि क्या वह समान विचारधारा वाली ताकतों के साथ आंदोलन करेंगे, उन्होंने कहा कि देश सभी का है और यह राजनीतिक दलों तक सीमित नहीं है.