मुसलमानों के साथ अरविंद केजरीवाल का कैसा हो व्यवहार? मौलाना मदनी ने दी नसीहत
Maulana Madni News: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी से पूछा गया कि अरविंद केजरीवाल मुसलमानों के लिए कोई ऐलान क्यों नहीं करते हैं. इस पर मौलाना ने बताया है कि उनके साथ कुछ स्पेशल करने से बेहतर है कि उनके साथ इंसाफ हो.
Maulana Madni News: दिल्ली में चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में पुजारियों और ग्रंथियों को 18 हजार रुपये देने का ऐलान किया है. इस पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा कि यह काम बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था. साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के सर्जरी वाले बयान पर कहा कि उनकी सर्जरी की भी जरूरत है. इसके अलावा मौलाना मदनी ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में संभल हिंसा, दिल्ली चुनाव, संघ प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान समेत तमाम मुद्दों पर खुलकर अपना पक्ष रखा.
सवाल जवाब
सवाल: अरविंद केजरीवाल की पुजारियों और ग्रंथियों को 18 हजार रुपये देने की योजना के बारे में क्या कहेंगे?
जवाब: ये तो सियासी फैसला है. चुनाव का वक्त है. यह पहले होना चाहिए था, लेकिन देर से ही सही, यह कदम उठाया गया है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है. अगर किया है तो ठीक किया है.
सवाल: दिल्ली में अभी तक इमामों को उनकी बकाया सैलरी नहीं मिली है, क्या यह ठीक है?
जवाब: मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता.
सवाल: अरविंद केजरीवाल मुसलमानों के लिए कोई ऐलान क्यों नहीं करते?
जवाब: मुसलमानों के लिए कुछ अलग से करने को कुछ लोग मुद्दा बना रहे हैं. मुझे लगता है कि मुसलमानों के लिए कुछ स्पेशल करने से ज्यादा जरूरी यह है कि उनके साथ इंसाफ हो. शिक्षा और दूसरे इलाकों में बराबरी का हक मिलना चाहिए.
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सवाल: मुसलमानों के लिए कौन सी पार्टी काम कर रही है, आपको क्या लगता है?
जवाब: मुझे लगता है कि आज के माहौल में भी भारत का समाज और उसका ढांचा मजबूत है. अगर इंसाफ सबके साथ होता रहे और बराबर मौके दिए जाएं, तो इससे बेहतर कोई बात नहीं होगी. मुसलमानों के लिए कुछ करने से ज्यादा जरूरी यह है कि नफरत फैलाने वाली स्थितियों को कम किया जाए और समाज में एकता बनी रहे. इसे लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों को ध्यान देना चाहिए. उनके लिए शिक्षा के इलाके में योजनाएं लाई जाएं.
सवाल: संभल में जो हुआ है, उस पर क्या कहेंगे?
जवाब: यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और इस घटना की वजह को समझना बहुत जरूरी है. जिस तरह से लोअर कोर्ट ने फैसला दिया और प्रशासन ने उसे लागू किया. इस पर लोगों ने अपनी फतह का इजहार किया, उसके नतीजे में यह हादसा हुआ. इसको काउंटर करने के लिए सरकार ने जो तरीका अपनाया, वह तरीका बहुत कठोर और जालिम था. हम इसे दूसरे तरीके से देखते हैं. यूपी सरकार और उसके अफसर इसे अपनी सफलता के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जो गलत है. यह स्थिति और भी दुर्भाग्यपूर्ण है. इस पर आगे कुछ नहीं कहेंगे.
सवाल: मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि सर्जरी की ज़रूरत है, इस पर क्या कहेंगे?
जवाब: हां, उनकी भी सर्जरी की जरूरत है, क्योंकि लोगों ने दिमाग में जो गंदगी भर ली है, उसे साफ करने की जरूरत है. उन्हें समझना चाहिए कि वह पूरे राज्य के मुख्यमंत्री हैं और उन्हें उसी तरह व्यवहार करना चाहिए.