Asaduddin Owaisi News: संसद में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों की मौजूदा सूरत-ए-हाल गंभीर सवाल उठाए. AIMIM चीफ ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा कि देश में मुसलमानों के खिलाफ नाइंसाफी हो रही है और उन्हें कमजोर करने की कोशिश जारी है. लोकसभा सदस्य ओवैसी ने संसदीय कार्यवाही के दौरान सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के बुनियाद पर परिसीमन ( Delimitation ) करने की मांग उठाई और वक्फ बोर्ड पर लगाए जा रहे इल्जामों को भी बेबुनियाद करार दिया.


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इतना ही नहीं ओवैसी ने आरोप लगाया कि मुस्लिम कैंडिडेट्स को चुनाव जीतने से भी रोका जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज की बेटियों को हिजाब और बुर्का पहनने पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं. पांच बार के सांसद ने मॉब लिंचिंग पर सवाल करते हुए कहा कि मुल्क में बीफ के नाम पर मुसलमानों की मॉब लिंचिंग हो रही है. लोगों को खाने पर रोक लगाई जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने अनुच्छेद 25 का पालन न होने और मजहबी आजादी पर बैन लगाने के भी मुद्दे को निचली सदन में उठाया.


ओवैसी ने संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को याद करते हुए कहा कि कॉन्स्टिट्यूशन के अज्म को बनाए रखना जरूरी है. उन्होंने पीएम के उस बयान पर भी सवाल उठाए, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वक्फ का कॉन्स्टिट्यूशन से कोई संबंध नहीं है. ओवैसी ने आर्टिकल 26 का हवाला देते हुए कहा कि यह मजहबी कम्युनिटी को अपने इदारों को कायम करने और चलाने का हक देता है. ओवैसी ने इल्जाम लगाया कि वक्फ प्रोपर्टी को ताकत के आधार पर छीनने की कोशिश की जा रही है.



वक्फ प्रोपर्टी को जबरदस्ती छीनने की कोशिश: ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि वक्फ प्रोपर्टी को जबरदस्ती छीनने की यह कोशिश कॉन्स्टिट्यूशन की बुनियादी हकूक के साथ ज्यादती है. उन्होंने मजहबी आजादी की हिफाजत की मांग की. संसद में खिताब के दौरान सांसद ओवैसी ने सवाल किया, "पीएम को कौन पढ़ा रहा है? उन्हें आर्टिकल 26 पढ़ने की जरूरत है."


ओवैसी ने डिलिमिटेशन पर किए ये सवाल
ओवैसी ने डिलिमिटेशन कई सवाल किए. उन्होंने लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों के डिलिमिटेशन (सीमांकन) पर आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान लागू होने के बाद देश में लगातार डिलिमिटेशन किया जा रहा है ताकि अल्पसंख्यकों को सबसे कम मौका मिले. सांसद ने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों की हालात को लेकर कई अहम मुद्दे उठाए गए थे. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि डिलिमिटेशन की प्रोसेस को निष्पक्ष और संतुलित बनाया जाए, ताकि सभी वर्गों को समान हक और नुमाईंदगी मिल सके.