Baharampur Lok Sabha Election Results 2024: लोकसभा इलेक्शन का मतणना जारी है. इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट के रिजल्ट का ऐलान होना है. इस सीट से भारतीय क्रिकटर TMC के कैंडिडेट यूसुफ पठान ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को मात दी है. यूसुफ पठान को 45 लाख 58 हजार 831 वोट मिले हैं. जबकि कांग्रेस के सीनियर नेता अधीर रंजन चौधरी को 3 लाख 89 हजार 729 वोट मिले है. यूसुफ पठान ने करीब 70 हजार वोटों से जीत दर्ज की है.


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इस सीट से कांग्रेस के सीनियर लीडर अधीर रंजन चौधरी पहली बार साल 1999 में सांसद चुने गए थे. तब से लेकर अब तक वह इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. पिछले चुनाव में अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी कैंडिडेट को लगभग 80 हजार वोटों से मात दी थी. अधीर रंजन चौधरी को पिछेल लोकसभा इलेक्शन में 5 लाख 91 हजार 106 वोट मिले थे. कांग्रेस नेता चौधरी केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. 


यूसुफ पठना ने क्रिकेट पिच पर लगया छक्का
वहीं, भारत क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर यूसुफ पठान की क्रिकेट करियर की बात की जाए, तो उन्होंने भारतीय टीम को कई ऐतिहासिक मैच जीतने में रोल रहा है. अब वो क्रिकेट की दुनिया को छोड़ चुनावी मैदान में हैं. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बहरामपुर लोकसभा सीट से अपना कैंडिडेट बनाया था. 


बरहमपुरा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि
साल 2011 के जनगणना के मुताबिक, इस संसदीय क्षेत्र की कुल आबादी 22 लाख 61 हजार 93 हैं. बहरामपुर लोकसभा में लगभग 82 फीसद आबादी गांव, कस्बों में रहती है. जबकि 18 फीसद से ज्यादा शहरी आबादी है. साल 2017 के वोटर्स लिस्ट के मुताबिक, इस संसदीय क्षेत्र में 15 लाख 37 हजार 932 वोटर्स हैं, जिनमें लगभग 82 फीसद आबादी गांवों में रहती है, जबकि 18 फीसद से ज्यादा आबादी शहरी है. साल 2019 के आम चुनाव में इस सीट पर 79.41 फीसद वोटिंग हुई थी. जबकि साल 2014 के इलेक्शन में 79.43 फीसद मतदान हुआ था. इस संसदीय क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें आती हैं. 


राजनीतिक जानकारों ने की थी भविष्यवाणी
इस सीट से यूसुफ पठान को टिकट मिलने के बाद राजनीतिक जानकारों का कहना था कि अधीर रंजन चौधरी इस सीट से 1999 से लगातार सांसद हैं, ऐसे में यूसुफ पठान के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं होगा. उन लोगों का तर्क था कि यूसुफ पठान गुजरात के बड़ौदा से हैं. इस सीट से इलेक्शन लड़ना उनके लिए एक बड़ी चुनैती है. इसके साथ ही राजनीतिक जानकारों का कहना था कि इस संसदीय क्षेत्र में मुसलमानों की आबादी काफी ज्यादा है. इस लिहाज से देखा जाए, तो अधीर रंजन चौधरी हार भी सकते हैं.