Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व CM अशोक गहलोत और PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा पर BJP प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पलटवार किया. जानिए उन्होंने क्या बड़ा बयान दिया?
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Rajasthan Politics: प्रदेश में जिले खत्म करने को लेकर BJP और कांग्रेस में तकरार जारी है. BJP प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व CM अशोक गहलोत, कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तथा नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बयान पर पलटवार किया. राठौड़ ने कहा कि कांग्रेसी नेता दिमाग से नहीं बाहुबल से राजनीति करते हैं. गहलोत ने चहेते विधायकों को रेवड़ी बांटने के लिए जिले बनाए.
प्रदेश में भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार के बनाए 17 नए जिलों में से 9 जिलों को खत्म कर वापस समायोजित कर दिया. इसके बाद से लगातार BJP और कांग्रेसी नेताओं में जुबानी जंग छिड़ी हुई है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व CM अशोक गहलोत ने BJP पर आरोप दोहराए. इसके पलटवार में BJP प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा,'' अशोक गहलोत सरकार ने चहेते विधायकों को खुश करने के लिए जिलों की रेवड़ियां बांटी. तत्कालीन CM और डिप्टी CM के बीच लड़ाई हो गई जो बाद में शीतयुद्ध में बदल गई. दोनों होटलों में जाकर बैठ गए. सरकार अल्पमत में थी, तब बसपा और निर्दलीयों के सहारे सरकार बचाई. उस दौरान चहेते विधायकों को खुश करने के लिए रेवड़ियां बांटी गई.
जन संख्या और भौगोलिक आधार देखे बिना जिले बना दिए. कोई भी सरकार आचार संहिता से पहले रेवड़ियां बांटती है तो नई सरकार आते ही व्यवस्था करती है, इनकी समीक्षा करती है. एक अधिकारी की समीक्षा पर कैबीनेट ने फैसला किया है तो किसी को एतराज नहीं होना चाहिए.''
कमेटी ने 41 की सिफारिश की थी 50 कैसे बना दिए ?
राठौड़ ने आरोप लगाया कि प्रदेश में अनियंत्रित जिले बना दिए गए. आबादी के लिहाज से देखें तो एक जिला में साढ़े तीन लाख तथा दूसरा जिले में 23 लाख की आबादी, कहीं जिले में एक विधायक तो कहीं 11 विधायक हैं. कम से कम तीन विधायक तो होने चाहिए. समानुपात और आबादी के आधार पर जिले गठित करते तो हमें यह नहीं करते.
राठौड़ ने दावा किया राम लुभाया कमेटी ने भी उन्हें 41 ही जिले बने ने की सिफारिश की थी लेकिन अशोक गहलोत ने 50 जिलों की घोषणा कर दी. खुद राम लुभाया भी आश्चर्यचकित थे कि उन्होंने तो 41 ही जिलों की घोषणा के लिए कहा था यह 50 कैसे कर दी ?
पवार कमेटी पर सवाल उठाने के सवाल पर राठौड़ ने कहा कि अधिकारी शपथ लेता है, पद ग्रहण करता है संविधान की निष्पक्षता की शपथ लेनी पड़ती है. BJP कोई असंवैधानिक काम नहीं करेगी.
बाहुबली हैं, दिमाग से नहीं करते राजनीति
मदन राठौड़ ने कहा कि राजनीति दिमाग से करते हैं सोच समझ कर करते हैं. जूली के रेल बनाने और डोटासरा ईंट से ईंट बनाने के बयान पर राठौड़ ने कहा कि ये सब बाहूबल का सहारा ले रहे हैं. ईंट से ईंट से बजाना इसका मतलब क्या है ? यह शोभा नहीं देता है. उनके नेता ने संसद परिसर में बाहुबल दिखाया था. राजनीति के मैदान में इसका कोई मतलब है. ताकत दिखानी है तो मैदान में जाकर ईंट से ईंट से बजाएं, लोकतंत्र में दिमाग से खेला जाता है बाहुबल से नहीं.
खीज उतारने के लिए दूसरों पर दोष
राठौड़ ने कांग्रेस नेताओं के बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि पूर्व PM मनमोहन सिंह के देहांत के बाद श्रद्धांजलि का कार्यक्रम किया किया, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने बयानबाजी की. कम से कम आज के दिन तो राजनीति छोड़ देते, लेकिन छींटाकशी करने लगे ऐसा, नहीं करना चाहिए.
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस अपनी हार को पचा नहीं पा रही है, वो खीज उतारने के लिए इस तरह की हरकतें करती है. लोकतंत्र में कभी किस पर, कभी किस पर ठीकरा फोड़ते हैं और कोई नहीं मिले तो EVM को दोष देते हैं.