Gyanvapi Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 16 जनवरी को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद कैंपस में मौजूद कथित वजूखाने को साफ करने की इजाजत दे दी है. भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने हिंदू पक्ष की याचिका को एक्सेप्ट करते हुए यह आदेश दिया है. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इस याचिका का कोई विरोध नहीं किया.


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कोर्ट ने दिया ये आदेश
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि साफ सफाई का काम वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट यानी DM की देखरेख में किया जाए. हिंदू पक्ष ने अपनी याचिका में कोर्ट से कहा था कि पिछले कई महीनों से सील होने के वजह से इस कथित वजूखाने से बदबू आ रही है. कोर्ट को बताया गया कि इस टैंक में रहने वाली मछलियों के मरने और पानी के खराब होने के वजह ऐसा हो रहा है. इसलिए इस वजूखाने की साफ सफाई बहुत जरूरी है.


कथित वजूखाने की सफाई करने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष से सीनियर एडवोकेट माधवी दीवान और विष्णु शंकर जैन मौजूद रहे. कोर्ट के इस फैसले के बाद एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने पीटीआई को बताया, "इस कथित वजूखाने की मछलियां बीते साल 20 से 25 दिसंबर, 2023 के बीच मर गईं, जिससे वहां पूजा करने वाले हिंदू लोगों को परेशानी हो रही थी. इसलिए हमने कोर्ट से टैंक को साफ करने की इजाजत देने की मांग की थी."


सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को दिया ये आदेश
उन्होंने कहा, "मुस्लिम पक्ष के वकील सीनियर एडवोकेट हुजैफा अहमदी ने भी इस मांग का समर्थन किया. दरअसल, अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने भी वाराणसी के ट्रायल अदालत में में ऐसी एक याचिका दाखिल की है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को टैंक की सफाई का आदेश जारी किया.


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