बिहार में आबादी में बराबर हैं शेख और अंसारी; देखें, किस जाति की कितनी हिस्सेदारी ?
Bihar Caste Survey Data Out: बिहार सरकार ने प्रदेश में कराए गए जातिगत जनसंख्या के आंकड़े (Bihar Caste Survey Data) सार्वजनिक कर दिए हैं, जिसके बाद प्रदेश में रहने वाले सभी वर्गों के लोगों की वास्तविक आबादी सामने आ गई है.. इससे जातियों को लेकर पहले से चले आ रहे कई भ्रम भी टूट गए हैं.
पटनाः गांधी ज्यंती के मौके पर 2 अक्टूबर को बिहार सरकार ने बहुप्रतीक्षित राज्य के जाति आधारित गणना के आंकड़ों (Bihar Caste Survey Data) को प्रकाशित कर दिया है.. इसी के साथ बिहार सहित देशभर की राजनीति में एक तरह से भूचाल आ गया है. जहां विपक्ष ने इन आंकड़ों का विरोध किया है, वहीं गैर-भाजपा शासित राज्यों ने जाति आधारित गणना के आंकड़ों का इस्तकबाल किया है. बिहार के इस कदम की सराहना करते हुए कई अन्य राज्यों में इसकी मांग उठाई जा रही है. खास बात यह है कि इस जाति आधारित गणना (Bihar Caste Survey Data) में बिहार में निवास करने वाले सभी धर्मों के लोगों के आंकड़ें भी सामने आ गए हैं. इसमें मुसलमानों के जाति के आंकड़े भी सामने आ गए हैं.. बिहार सरकार के इस कदम को कुछ लोगों ने ऐतिहासिक कदम बताया है.
जाति आधारित गणना (Bihar Caste Survey) के आंकड़ों को जारी करने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ’’ आज गांधी जयंती के मौके पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं. जाति आधारित गणना के काम में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई. जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से ये फैसला लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी और दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी मंजूरी दी गई थी. जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है, बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के बुनियाद पर सभी वर्गों के विकास और उत्थान के लिए आगे योजनाएं बनाई जाएंगी.’’
बिहार में किस धर्म के कितने लोग
बिहार में किस धर्म को मानने वाले कितने लोग रहते हैं, इसके आंकड़े भी सामने आ गए हैं. राज्य की कुल आबादी की लगभग 82 प्रतिशत हिंदू आबादी है. वहीं यहां दूसरी सबसे बड़ी आबादी मुसलमानों की है. यहां 17.70 प्रतिशत मुस्लिम आबादी निवास करती है. वहीं, इसाई यहां की कुल आबादी का मात्र 0.05 प्रतिशत है. सिख 0.011 प्रतिशत, बौद्ध 0.0851 प्रतिशत, जैन-0.0096 प्रतिशत, 0.1274 प्रतिशत और किसी धर्म को न मानने वालों की तादाद 0.0016 प्रतिशत के आसपास है.
हिन्दू -81.99 प्रतिशत (107192958)
इस्लाम-17.70 प्रतिशत (23149925)
ईसाई-0.05 प्रतिशत (75238)
सिख-0.011 प्रतिशत (14753)
बौद्ध- 0.0851 प्रतिशत (111201)
जैन-0.0096 प्रतिशत (12523)
अन्य धर्म- 0.1274 प्रतिशत (166566)
कोई धर्म नहीं-0.0016 प्रतिशत (2146)
3.82 प्रतिशत शेख की जनसंख्या
बिहार में मुसलमानों के बीच जाति आधारित आबादी की बात करें, तो यहां सबसे ज्यादा आबादी अशराफ मुसलमानों में 3.82 प्रतिशत शेख की जनसंख्या हैं. वहीं ओबीसी मुसलमानों में सबसे बड़ी आबादी अंसारी की है. वह लगभग 3.54 प्रतिशत हैं. वहीं, सैयद 0.22 प्रतिशत, मलिक 0.82 प्रतिशत और सुरजापुरी मुस्लिमों की आबादी 1.8 प्रतिशत है.
क्या बोले लालू प्रसाद यादव
इन आंकड़ों के आने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने एक्स पर लिखा है, ’’ आज गाँधी जयंती पर इस ऐतिहासिक पल के हम सब गवाह बने हैं. बीजेपी की बहुत-सी साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया है. ये आँकडे वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक़्क़ी के लिए समग्र योजना बनाने और हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नज़ीर पेश करेंगे. सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो. हमारा शुरू से मनाना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो. केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सता से बेदखल करेंगे.’’