इस्लाम की बेइज्जती के लिए जेल
श्रीलंका के बौद्ध भिक्षु गलागोदात्ते ज्ञानसारा (Galagodaatte Gnanasara) को श्रीलंका की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को जेल की सजा सुनाई है. उन पर इल्जाम है कि उन्होंने साल 2016 में इस्लाम धर्म की बेहुरमती की थी. पिछली बार उन्हें पिछले साल ही श्रीलंका में अल्पसंख्यक मुसलमानों के खिलाफ उपेक्षा करनेवाला बयान देने के लिए इसी तरह के इल्जाम में जेल की सजा सुनाई गई थी. बौध भिक्षु साल 2012 से मुसलमानों के खिलाफ अभियान चला रहा था. उनके ऊपर 2016 में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान की गई बयानबाजी के लिए आरोप तय हुए हैं.


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श्रीलंका में मुसलमान
बौद्ध भिक्षु गलागोदात्ते ज्ञानसारा (Galagodaatte Gnanasara) चार साल की सजा सुनाई गई थी. वह जमानत पर थे. साल 2012 की जनगणना के मुताबिक श्रीलंका में मुसलमानों की आबादी सिर्फ 22 मिलियन है. यह आबादी पूरे देश की आबादी का महज 10 फीसद है. इस्लाम यहां तीसरा सबसे बड़ा मजहब है. श्रीलंका के मुसलमान तमिल भाषा में बात करते हैं.


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पूर्व राष्ट्रपति के हैं करीबी
बौद्ध भिक्षु श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपित गोटाबाया राजपक्षे के करीबी हैं. राजपक्षे ने उन्हें देश में अहम पद भी दिया है. राजपक्षे ने बौद्ध भिक्षु को साल 2021 में धार्मिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए श्रीलंका की कानूनी प्रणाली में सुधार के लिए एक पैनल का प्रमुख बनाया.


विपक्ष ने जताई नाराजगी
उस वक्त, विपक्षी सांसद शनाकियान रसमनिकम (Shanakiyan Rasamanickam) ने बौद्ध भिक्षु की नियुक्ति को "विडंबना की परिभाषा" बताया था. साल 2018 में, ज्ञानसारा को एक लापता कार्टूनिस्ट की बीवी को धमकाने और अदालत की अवमानना ​​के लिए भी छह साल की सजा सुनाई गई थी.