Sunehri Bagh Mosque: दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनहरी बाग रोड चौराहे पर 150 साल पुरानी मस्जिद को गिराने की आशंका वाली दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका पर आज यानी 18 दिसंबर को कार्यवाही बंद कर दी, क्योंकि शहर के नगर निकाय ने कहा, याचिकाकर्ता की अशंका का कोई आधार नहीं है. 


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दिल्ली वक्फ बोर्ड के वकील ने कहा, "उन्हें नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के जरिए कानूनी हालात के बाहर कार्रवाई किए जाने की आशंका है और कोर्ट को "ऐसी मनमानी तथा अवैध कार्रवाई" रोकनी चाहिए." NDMC के वकील ने इस दलील का पुरजोर विरोध किया और कहा, "याचिकाकर्ता के पास यह आशंका करने का कोई आधार नहीं है कि प्रतिवादी कानूनी हालात से हटकर कार्य करेगा. 


उन्होंने कहा, "यदि अधिकारियों को कोई कार्रवाई करनी होगी, तो वे मौजूदा नियमों का पालन करने के लिए बाध्य हैं." न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने NDMC का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा का बयान दर्ज करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा, “चूंकि पक्ष उपरोक्त मुद्दे पर काफी हद तक सहमत हैं, इसलिए इस स्तर पर, इस कोर्ट को अब याचिका पर फैसला देने की आवश्यकता नहीं है. पक्षों को यहां दर्ज बातों का पालन करने का निर्देश दिया जाता है. याचिका का निपटारा किया जाता है.’’


दिल्ली वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता संजय घोष ने किया. एनडीएमसी ने कोर्ट को बताया था कि एक संयुक्त निरीक्षण किया गया था, जिसके दौरान यह पाया गया कि मस्जिद को हटाने की आवश्यकता है और भूमि का उपयोग यातायात के सुरक्षित एवं सुचारू प्रवाह के लिए किया जाना चाहिए. 


इसने याचिका के जवाब में पहले कहा था कि उसने यातायात में वृद्धि के मद्देनजर दिल्ली यातायात पुलिस के पत्र पर कार्रवाई की और दो बार संयुक्त निरीक्षण किया गया. नगर निकाय ने कहा था कि संबंधित अधिकारियों ने सर्वसम्मति से निष्कर्ष निकाला कि धार्मिक संरचना को हटाने/स्थानांतरित करने की आवश्यकता है. याचिका में यह भी दावा किया गया कि हाल ही में कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना कई वक्फ संपत्तियों को ‘‘रातोंरात ध्वस्त कर दिया गया.’’ 


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