Dhaula Kuan Masjid: मेहरौली के बाद अब एक और मस्जिद और क़ब्रिस्तान DDA के निशाने पर है. DDA ने धौलाकुआं में 100 साल क़दीम शाही मस्जिद और क़ब्रिस्तान कंलगल शाह, बाग़ मोची और इंतज़ामिया कमेटी को नोटिस जारी किया है. इसके साथ यहां मौजूद एक स्कूल को भी नोटिस दिया गया है. 


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DDA का कहना है कि ये इलाक़ा सेंट्रल रिज का है, जो एक महफ़ूज़ जंगल है और जहां रिहाईशी और तिजारती सरगर्मियां मना हैं. DDA ने कोर्ट को बताया है कि दिल्ली सरकार की मज़हबी कमेटी ने यहां से तजावुज़ात हटाने को मंज़ूरी दे दी है. ग़नीमत ये रही कि दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA को फ़िलहाल किसी तरह की कार्रवाई से रोक दिया है, लेकिन इस मामले पर जस्टिस सचिन दत्ता ने इंतेज़ामी कमेटी को नोटिस जारी किया और DDA की अपील का जवाब देने को कहा है.


हालांकि इस दौरान कोर्ट ने DDA के वकील से भी पूछा है कि क्या मस्जिद भी तजावज़ात में शामिल है और अफ़सरान इसे हटाने की कार्रवाई किस बुनियाद पर कर रहे हैं. अब इंतेज़ामी कमेटी के साथ कुछ सवालों के जवाब DDA को भी अगली समाअत के दौरान देने होंगे. इस मामले पर अगली समाअत 29 फ़रवरी को होगी. 


30 जनवरी को ध्वस्त कर दिया गया था मस्जिद
दरअसल, राजधानी दिल्ली के महरौली में मौजूद 600 साल पुरानी मस्जिद को 30 जनवरी को ध्वस्त कर दिया गया था. मस्जिद तोड़े जाने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA से जवाब मांगा था कि उसने किस आधार पर मस्जिद तोड़ी है. ये मस्जिद दक्षिणी दिल्ली के मेहरौली के 784 एकड़ में फैले जंगलों में मौजूद थी. 


महरौली, दिल्ली के उन तमाम मध्यकालीन शहरों में से एक है, जो अब वीरान हो गए हैं. ये इलाका भी खंडहरों और ऐतिहासिक इमारतों से लबरेज है, जो दिल्ली शहर के इतिहास की गवाही देती हैं. एक बयान में DDA ने कहा था कि मस्जिद एक 'अवैध इमारत' है, जिसको किसी रोक-टोक या परेशानी के बगैर ढहा दिया गया.