Waqf Amendment Bill 2024: वक्फ (अमेंडमेंट) बिल, 2024 को लेकर पटना में इमारत-ए-शरिया ने आज एक बैठक की. इस बैठक में कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस शाहिदुल्लाह मुंशी ने भी शिरकत की. इसके अलावा बिहार, झारखंड और ओडिशा के मुस्लिम धर्मगुरु और मु्स्लिम विद्वानों ने भी हिस्सा लिया.


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इस दौरान रिटायर्ड जस्टिस मुंशी ने कहा कि वक्फ बिल में संशोधन की जरूरत नहीं है. पूर्व जस्टिस ने कहा, "वक्फ (अमेंडमेंट) बिल के बारे में बताने के लिए हमें आज इस बैठक में बुलाया गया था. केंद्र सरकार द्वारा बिल संसद में पेश किया गया था. विपक्षी सांसदों के कड़े विरोध के बाद इसे ज्यादा चर्चा करने के लिए संसद की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में भेज दिया गया है. जेपीसी में चर्चा के दौरान अगर इसे सही पाया गया तो बिल को संसद में पारित कराया जाएगा नहीं तो सरकार इसे वापस लेगी."


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"इस बिल से सिर्फ नुकसान ही होगा"; पूर्व जस्टिस 
पूर्व जस्टिस ने कहा कि वक्फ बिल, 1995 में साल 2013 में जो अमेंडमेंट लाया गया था, उसके बाद मौजूदा सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों की जरूरत नहीं थी. इस बिल से सिर्फ नुकसान ही होगा. उन्होंने कहा, "सरकार को बिल में संशोधन करने से पहले आम जनता की राय लेनी चाहिए थी. भारत में जो वक्फ बोर्ड है, उनसे राय लेनी चाहिए थी. सरकार जल्दबाजी में बिना चर्चा के इस बिल को लेकर आई. मुझे लगता है कि इतनी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी."


इससे पहले भी हुई थी बैठक
बता दें कि इस बैठक से पहले भी हाल ही में पटना के फुलवारी शरीफ में इमारत-ए-शरिया ने एक बैठक की थी,   जिसमें राज्यसभा सांसद उप्रेंद्र कुशवाहा भी शामिल हुए थे. हालांकि, पत्रकारों को इस बैठक से दूर रखा गया था.  लेकिन बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि यह मामला बिहार सरकार का नहीं, बल्कि केंद्र सरकार है. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा था कि वक्फ (इमेंडमेट) बिल को लेकर जल्द ही बीच का रास्ता निकाला जाएगा.