Gyanvapi Masjid: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का काम पूरा करने के लिए ASI के जरिए आठ सप्ताह का और वक्त मांगे जाने पर मुस्लिम पक्ष ने अदालत में याचिका दाखिल कर आपत्ति दर्ज कराई है. मुस्लिम पक्ष ने अपनी याचिका में कहा है कि एएसआई बिना इजाजत के ज्ञानवापी परिसर के तहखाने के साथ-साथ दूसरे जगहों पर भी खोदाई करके ढांचे की पश्चिमी दीवार के पास पर मलबा जमा कर रहा है, इससे ढांचे के ढहने का खतरा पैदा हो गया है. 


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सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने मंगलवार को बताया, ASI ने शनिवार को जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में अर्जी देकर ज्ञानवापी परिसर में चल रहे सर्वे को पूरा करने के लिए आठ सप्ताह की मोहलत देने की अपील की है. मुस्लिम पक्ष की अगुआई करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने सोमवार को इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. कमेटी ने याचिका में कहा है, "अदालत ने वैज्ञानिक तरीके से ही परिसर में सर्वे कराने का आदेश दिया था और एएसआई की टीम मलबा या कचरा हटाकर परिसर का सर्वे करने के लिए अधिकृत नहीं है." 


मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ASI टीम के मुताबिक कचरा और मलबा हटाकर सर्वे करने में समय लगेगा और रिपोर्ट दाखिल करने के लिए ज्यादा समय मांगना सही नहीं है. उसने कहा कि यह अदालत के आदेश के खिलाफ है लिहाजा अब सर्वे के लिए ज्यादा समय नहीं दिया जाना चाहिए.


वाराणसी जिला न्यायाधीश अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वे को पूरा करने और अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए आठ सप्ताह का और वक्त देने की इल्तिजा वाली ASI की याचिका पर सुनवाई के लिए आठ सितंबर की तारीख तय की है. गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर ASI ने ज्ञानवापी मस्जिद में वजूखाने को छोड़कर बाकी हिस्सों के सर्वे का काम चार अगस्त से दोबारा शुरू किया था. जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट चार सितंबर तक पेश करने का आदेश दिया था.


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