वाराणसीः भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की एक टीम ने शनिवार को ज्ञानवापी मस्जिद अहाते का लगातार दूसरे दिन वैज्ञानिक सर्वे किया. इस मौके पर मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वे इस सर्वे से मुतमइन हैं और उन्हें इस सर्वे से आगे कोई आपत्ति नहीं है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई के वैज्ञानिक सर्वे पर रोक लगाने से इनकार करते हुए मुस्लिम फरीक की याचिका को खारिज कर दिया था. 


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मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मुमताज अहमद ने सर्वे के बाद संवाददाताओं से कहा, “हम एएसआई सर्वे से संतुष्ट हैं और हम एएसआई सर्वेक्षण में किसी तरह की बाधा नहीं डालने जा रहे हैं. कल तक, हम इसमें हिस्सा नहीं ले रहे थे, लेकिन आज हम इसका हिस्सा हैं. हम एएसआई को सहयोग कर रहे हैं.’’
एएसआई की एक टीम वुज़ू खाना को छोड़कर, परिसर के अदालत के आदेश पर वैज्ञानिक सर्वे जारी रखने के लिए आज सुबह यहां काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे मस्जिद परिसर में पहुंची थी. कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह करीब नौ बजे सर्वे का काम शुरू हुआ था.


गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को परिसर का वैज्ञानिक सर्वे शुरू हुआ था, जिसने एएसआई को यह तय करने के लिए सर्वे करने की इजाजत दी गई है कि क्या मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर पर बनाई गई थी? 


इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को मुस्लिम पक्ष, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें वाराणसी अदालत के आदेश को भी चुनौती दी गई थी. एएसआई को ’वज़ुखाना’ क्षेत्र को छोड़कर, जहां एक शिवलिंग जैसा ढांचा पाए जाने का दावा किया गया था, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की इजाजत दी गई थी.  अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई के आदेश को चुनौती दी थी. 21 जुलाई को, वाराणसी जिला न्यायाधीश एके विश्वेशा ने 16 मई, 2023 को चार हिंदू महिलाओं द्वारा दायर एक आवेदन पर ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया था. हालाँकि, जिला न्यायाधीश के आदेश ने परिसर के वुज़ू खाना (स्नान तालाब क्षेत्र) को बाहर कर दिया, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील कर दिया गया है.


शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस सर्वे पर रोक लगाने की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि पूरा सर्वे बिना किसी खुदाई और संरचना को कोई नुकसान पहुंचाए किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ’’हम हाई कोर्ट के निर्देश को दोहराते हैं कि कोई खुदाई नहीं होगी और दीवार आदि के किसी भी हिस्से को नहीं छुआ जाएगा.’’


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