Gyanwapi Masjid: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने गुरुवार को वाराणसी अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा है. जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे करने की अनुमति दी गई थी. कोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम पक्षों में मायूसी छा गई है. कोर्ट के इस फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष ने कहा, "वह सर्वे पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा और हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देगा." इलादाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. कोर्ट के इस फैसले पर मुस्लिम नेताओं का क्या कहना है? आइए हम जानते हैं. 


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सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती- मौलाना खालिद रशीद फरंगी
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड AIMPLB सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा, "हमें उम्मीद है कि न्याय होगा क्योंकि यह मस्जिद करीब 600 साल पुरानी है और मुसलमान पिछले 600 सालों से वहां नमाज अदा करते आ रहे हैं. हम भी चाहते हैं कि देश के सभी पूजा स्थलों पर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट लागू हो. मुस्लिम पक्ष इस आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार करेगा."


सपा नेता एसटी हसन ने कही ये बात
समाजवादी पार्टी मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन ने कहा, "हम अदालत के आदेशों का पालन करेंगे. आज हमारे देश को साम्प्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता है. ऐसा कोई बयान नहीं दिया जाना चाहिए जो देश में लोगों के बीच मतभेद पैदा करे. उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान उस स्मारक को कोई नुकसान न पहुंचे. हम कोर्ट के सभी आदेशों को मानेंगे.


राजनीतिक प्रोपगेंडा है- इमरान प्रतापगढ़ी
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, "पूजा अधिनियम है कि 1947 के बाद जो जैसा है वैसा रहे, लेकिन राजनैतिक प्रोपोगेंडा किया जा रहा है. अदालत के फैसले पर कुछ नहीं कहना है. लेकिन सवाल उस एजेंडे का है. जिन लोगों ने ये सब शुरू किया."


ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी के ज्वाइन सेक्रेटरी का बयान
ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी के ज्वाइन सेक्रेटरी सैय्यद मोहम्मद यासीन ने कहा है कि हमें डिटेल फैसले का इंतजार है. हम इस फैसले को जरूर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. हमारे वकील तैयारी कर रहे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल होने तक सर्वे शुरू नहीं किया जाएगा. फिलहाल हमें डिटेल फैसले का इंतजार है. कोर्ट ने हमारी कई दलीलों को नहीं माना है."


सबका भगवान एक- फारूक अबदुल्ला
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "मंदिर हो या मस्जिद हो, सबका वो (भगवान) सबका एक ही है. उसे आप मंदिर में देखिए या मस्जिद में. आप उन्हें कभी भी देख सकते हैं."


शरीयत के मुताबिक मस्जिद रहेगी- शफीकुर रहमान बर्क
कोर्ट के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने कहा,  "कोर्ट के ऊपर है कि उसे जिम्मेदारी से देखें. ज्ञानवापी मस्जिद है और मस्जिद रहेगी. आपने यदि खत्म भी कर दिया उसे तो शरीयत के अनुसार मस्जिद रहेगी. भाजपा 2024 के चुनाव के लिए पृष्ठभूमि तैयार कर रही है. हम एएसआई के सर्वे पर क्यों विश्वास करें हम उसको मस्जिद मानते हैं. कोर्ट के फाइनल फैसला का इंतेज़ार रहेगा. ताकत भाजपा के हाथ मे है जब कोर्ट में मामला आ गया तो मुसलमान उसपर खामोश है."


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