इन 36 किलो ने दिलाई छत्तीसगढ़ को उसकी पहचान! क्या इनके बारे में जानते हैं आप?
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इन 36 किलो ने दिलाई छत्तीसगढ़ को उसकी पहचान! क्या इनके बारे में जानते हैं आप?

Chhattisgarh Forts: छत्तीसगढ़ राज्य में कई प्राचीन किलें हैं, जो इतिहास, संस्कृति और भौगोलिक स्थिति के आधार पर विभिन्न रूपों में विशिष्ट होते हैं. इतिहासकारों के मुताबिक इन 36 किलो के आधार पर ही छत्तीसगढ़ को उसकी पहचान मिली थी. तो आइए जानते है उन किलो के बारे में जिनके कारण छत्तीसगढ़ को उसकी पहचान मिली

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36 Forts of Chhattisgarh: इतिहास के पन्नों को पलट कर देखा जाए तो मालूम चलता है कि छत्तीसगढ़ राज्य को अपना नाम 300 साल पहले यहां के गोंड जनजाति के शासनकाल के दौरान मिल गया था. गोंड राजाओं के 36 किले थे. इन किलो को गढ़ भी कहा जाता है. इसी कारण इस क्षेत्र का नाम छत्तीसगढ़ पड़ा. छत्तीसगढ़ के नाम को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं. इतिहासविद डॉ. रमेंद्र नाथ मिश्र के अनुसार सन् 1497 में पहली बार छत्तीसगढ़ शब्द का प्रयोग खैरागढ़ के कवि दलरामराव ने किया. लगभग 500 साल पहले 14वीं शताब्दी में साहित्यकार भी अपनी रचनाओं में छत्तीसगढ़ का प्रयोग किया करते थे. जानिए छत्तीसगढ़ के 36 किलो के बारे में-

  • अकलेश्वर किला: यह बस्तर जिले के बहरागांव तहसील में स्थित है. यह किला महाभारत काल से लेकर छत्तीसगढ़ के सत्ताधारी काल तक की अवधि का गवाह है.
  • अमरकंटक किला: यह किला नारायणपुर जिले के एक गांव में स्थित है. यह किला पुरातात्विक रूप से उल्लेखनीय है और इसका इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना होने के बाद भी चलता रहा है.
  • आतरा किला: यह बस्तर जिले के नजरीगांव तहसील में स्थित है. यह पुरातात्विक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है.
  • बघेलकंटा किला: यह महसमुंद में स्थित है. इस किले का निर्माण बघेलकंटा के राजा अमरसिंह द्वारा किया गया था.
  • बालोद किला: यह किला बालोद जिले में स्थित है.
  • भोंगा किला: यह रायगढ़ जिले में स्थित है. यह किला बौद्ध धर्म और संस्कृति के विविध पहलुओं का उल्लेखनीय उदाहरण भी है.
  • छत्तरपुर किला: यह रायगढ़ जिले के भोंगा तहसील में स्थित है. यह किला राजपूत वंशों के साथ-साथ बुंदेलखंडी वंशों के इतिहास से भी जुड़ा हुआ है.
  • चंडेलगढ़ किला: यह कबीरधम तहसील में स्थित है. इसका नाम चंडेल वंश से जुड़ा हुआ है.
  • छत्तीसगढ़ किला: यह रायगढ़ जिले में स्थित है. इस किले का नाम  छत्तीसगढ़ राज्य के नाम पर रखा गया है.
  • छुरिकला किला: यह कोरबा जिले के छुरिकला तहसील में स्थित है. इस किले का निर्माण काकतिया वंश के राजा ककतिया द्वारा किया गया था.
  • दंतेवाड़ा किला: यह दंतेवाड़ा जिले में स्थित है. इस किले का निर्माण राजा धर्मराज द्वारा किया गया था.
  • डंडकरान्य किला: यह जशपुर जिले में स्थित है.
  • डूमरपानी किला: यह भी जशपुर जिले में स्थित है. इस किले का निर्माण राजा बलराम द्वारा किया गया था.
  • धुमकुडा किला: यह रायगढ़ जिले में स्थित है. इस किले का निर्माण नागवंश के राजा धुमक द्वारा किया गया था.
  • रायगढ़ किला: यह रायगढ़ जिले में है, जिसका निर्माण छत्तीसगढ़ के राजा मधुसूदन द्वारा किया गया था.
  • रतनपुर किला: यह बिलासपुर जिले के रतनपुर तहसील में स्थित है. इस किले का निर्माण रतनपुर रियासत के राजा भिमदेव द्वारा किया गया था.
  • संगम किला: यह कांकेर जिले में स्थित है. इस किले का निर्माण काकतिया वंश के राजा प्रताप रुद्र द्वारा किया गया था.
  • सारंगगढ़ किला: यह रायगढ़ जिले के सारंगगढ़ तहसील में स्थित है. इस किले का निर्माण बार भूमिहार रियासत के राजा भुपेन्द्र सिंह द्वारा किया गया था.
  • सोनमुरा किला: यह दुर्ग जिले के नवागढ़ तहसील में स्थित है. इस किले का निर्माण छत्तीसगढ़ के राजा बलराम द्वारा किया गया था.
  • सूरजपुर किला: यह सूरजपुर जिले के सूरजपुर तहसील में स्थित है. इस किले का निर्माण सूरजपुर रियासत के राजा देवी सिंह द्वारा किया गया था।
  • तालगांव किला: यह बालोद जिले के तालगांव तहसील में स्थित है. इस किले का निर्माण नागवंश के राजा शेषराज द्वारा किया गया था.
  • ताराबाघ किला: यह जशपुर जिले के ताराबाघ तहसील में स्थित है. इस किले का निर्माण राजा मधुसूदन द्वारा किया गया था.
  • तोरना किला: यह बस्तर जिले में स्थित है. इस किले का निर्माण नागवंश के राजा दुर्जन सिंह द्वारा किया गया था.
  • बाघेलकांड किला: यह कांकेर जिले में स्थित है. इस किले का निर्माण काकतिया वंश के राजा प्रताप रुद्र द्वारा किया गया था.
  • बकास्तम्बा किला: यह जशपुर जिले में है, जिसका निर्माण राजा अमर सिंह द्वारा किया गया था.
  • बालोद किला: यह बालोद जिले में है. इस किले का निर्माण छत्तीसगढ़ के राजा भैया दास द्वारा किया गया था.
  • बसन्तपुर किला: यह कोरबा जिले में है, जिसका निर्माण काकतिया वंश के राजा करणदेव द्वारा करवाया गया था.
  • बस्तर किला: इस किले का निर्माण नागवंश के राजा डॉरला द्वारा किया गया था.
  • बोन्दा किला: इस किले का निर्माण काकतिया वंश के राजा मधुकर द्वारा किया गया था.
  • बोरमदा किला: इस किले का निर्माण मराठा साम्राज्य के शासक भोसले द्वारा किया गया था.
  • बोरीकलांडा किला: इस किले का निर्माण गोंड वंश के राजा बक्षी द्वारा किया गया था.
  • रायगढ़ किला: इस किले का निर्माण कल्हांड वंश के राजा नरसिंहदेव द्वारा किया गया था.
  • राजनांदगांव किला: इस किले का निर्माण राजा परमानंद द्वारा किया गया था.
  • राजपुर किला: इस किले का निर्माण नागवंश के राजा महल देव द्वारा किया गया था.
  • रतनपुर किला: इस किले का निर्माण राजा गंगदेव द्वारा किया गया था.
  • रायपुर किला: इस किले का निर्माण काकतिया वंश के राजा कप्तान द्वारा किया गया था.

नोट- यहां दी गई जानकारी विभिन्न सोर्स से एकत्रित कर सिर्फ जानकारी देने के लिए दी गई है. 

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