America on Iran Israel War: हमास प्रमुख इस्माइल हनियाह की हत्या के बाद ईरान ने सीधे इजराइल पर हमला करने की धमकी दी थी. जिसके बाद पूरे मध्य पूर्व में युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं. एक तरफ अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपने 3 जंगी जहाज तैनात कर दिए हैं. वहीं दूसरी तरफ रूस ने ईरान को मदद का भरोसा दिया है. जिसके बाद तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ गई है. अब अमेरिका, फ्रांस, इटली, जर्मनी और ब्रिटेन ने मिडिल ईस्ट के हालात पर संयुक्त बयान जारी किया है. 


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मिडिल ईस्ट में कम होगा तनाव?
इन देशों ने मिडिल ईस्ट में तनाव कम करने और गाजा में सीजफायर और बंधकों की रिहाई के लिए एक डील तक पहुंचने के लिए अपना पूर्ण समर्थन जाहिर किया है. जारी बयान में कहा गया है, "जितना जल्दी हो सके, हमने एक डील तक पहुंचने के उद्देश्य से इस हफ्ते के आखिर में बातचीत फिर से शुरू करने के लिए राष्ट्रपति बाइडन, मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तह अल सीसी और कतर के अमीर तमीम के संयुक्त आह्वान का समर्थन किया है."


ईरान को लेकर क्या है प्लान
संयुक्त बयान में कहा गया है, "सभी पक्षों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. इसके साथ ही गाजा तक बिना रुकावट मदद पहुंचाया जाना जरूरी है." इसके साथ पांचों देशों ने ईरान और उसके समर्थन वाले संगठनों के इजरायल के हमले खिलाफ इजरायल की रक्षा के लिए अपना समर्थन दिया है. बयान में कहा है कि ईरान की तरफ से इजरायल के खिलाफ सैन्य हमलों की लगातार मिल रही धमकियों को रोकने की गुजारिश की गई है. 


अब तक गाजा में 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत
गौरतलब है कि हमास और इजरायल के बीच पिछले साल 7 अक्टूबर से जंग जारी है. इस हिंसा में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 90 हजार से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं. इसमें सबसे ज्यादा महिलाओं और बच्चों की मौत हुई है. इस हिंसा के बाद पूरा विश्व दो हिंस्सों में बंट गया है. एक हिंसा इजरायल के हमले को जायज ठहरा रहा है. वहीं, दूसरा इजरायल के हमले के नरसंहार बता रहा है.