मुस्लिम एजुकेशन इंस्टीट्यूट और लड़कियों के लिए अलग स्कूल, जानें क्या हुई जमीयत की मीटिंग में बातचीत
Jamiat-Ulema-E-Hindi Meeting: जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की आज मीटिंग थी. इस दौरान कई अहम मुद्दों पर बात की गई. मुस्लिम लड़कियों के लिए अलग स्कूल से लेकर मुस्लिम एजुकेशन इंस्टीट्यूट बनाने पर जोर दिया गया.
Jamiat-Ulema-E-Hindi Meeting: जमियत उलेमा-ए-हिंद की आज बैठक की गई, जिसमें कई अहम मुद्दों पर बात की गई. इस मीटिंग में मौलाना अरशद मदनी समेत कई सीनियर लीडरान ने शिरकत की. मीटिंग के दौरान जमियत उलेमा-ए-हिंद ने कार्यकर्ताओं से खास अपील की है. मीटिंग में वर्कर्स से अपील की गई मुस्लिम मआशरे के सुधार के लिए जद्दजहद करना इस वक्त की सबसे जरूरी चीज है. हर एक यूनिट अपने दायरे में मआशरे में सुधार लाने के लिए लोगों तक बात पहुंचाने की हर कोशिश करे.
फिरकावारियत कम की जाए
मीटिंग में कहा गया कि फिरकावारियत ने मुस्तकबिल में देश को नुकसान पहुंचाया है और उसकी बर्बादी आज भी हमारे सामने हैं: ऐसे में इसकी मुखालिफत की जानी चाहिए. इसके साथ ही किसी भी वर्ग के जरिए फैलाए गई साम्प्रदायिकता का बिल्कुल भी समर्थन नहीं करना चाहिए, अगर ऐसे तत्व मुसलमान को शिकार बनाते हैं तो जितना हो सके अपनी जज़्बातों पर कंट्रोल रखें और सभी मुसलमानों को सलाह दें कि वे अपने जज़्बातों पर कंट्रोल रखें.
मुस्लिम एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स बनाए जाएं
मीटिंग में कहा गया, मुस्लिम एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स की स्थापना की जाए, जिनमें नर्सरी से मिडिल और हाई स्कूल तक इस्लामी माहौल में पढ़ाई कराई जाए. इस तरफ जमीयत से जुड़े उलेमा खास ध्यान दें और अपनी देखरेख में मॉडर्न एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स की स्थापना कराएं.
लड़कियों के लिए अलग स्कूल
मीटिंग में आगे कहा गया कि देश की मौजूदा हालात, खास तौर पर मुस्लिम लड़कियों के लिए आठवीं क्लास के बाद अलग एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स बनाए जाएं, ताकि शिक्षा के बुरे प्रभाव से सुरक्षित रह सकें, हर मुस्लिम आबादी में इस तरह के संस्थान बनाना जरूरी है.
लोगों को दी जाए वोट करने की हिदायत
मीटिंग में वर्कर्स से कहा गया, वोट जागरुकता अभियानों के जरिए से मुस्लिम मर्दों एवं औरतों को मतदान के महत्व के बारे में जागरुक करना, नए नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाना और फिर चुनाव के दिन उन्हें सही मार्गदर्शन देकर वोट डलवाना ये आपकी जिम्मेदारी है.
मदरसों के लिए खास हिदायत
मीटिंग के दौरान मदरसों को खास हिदायत दी गई. इस दौरान कहा गया कि मदरसे सरकारी नियमों के मुताबिक ही संस्थान चलाएं. किसी ट्रस्ट या सोसायटी के जरिए रजिस्ट्रेशन कराकर मद को कानूनी रूप से मजबूत किया जाए.