Jharkhand Haj Committee: झारखंड से हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए दिल्ली जैसे बड़े शहरों में जाते हैं, हालांकि कुछ स्टूडेंट्स के सपनो के आगे उनकी गरीबी आड़े आ जाती है. जिस वजह से वह महंगी कोचिंग संस्थानों में एडमिशन नहीं ले पाते हैं. 


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इस समस्या से निजात दिलाने के लिए झारखंड हज कमेटी ने प्रदेश के गरीब होनहार बच्चों को सिविल सर्विसेज की तैयारी कराने की कवायद में जुट गया है. दरअसल, हज कमेटी ऑफ़ झारखंड के अध्यक्ष इरफान अंसारी ने हज हाउस में आहूत कमेटी की बैठक के बाद यह जानकारी दी है.


उन्होंने कहा, "करोड़ों की लागत से बना हज हाउस सिर्फ चंद दिनों के लिए ही इस्तेमाल में आता है. जबकि पूरे साल खाली रहता है. इसीलिए प्रदेश के भविष्य को गढ़ने के लिए इसके इस्तेमाल पर विचार किया गया है. दिल्ली की एक इदारा से बातचीत चल रही है, जो यहां के गरीब पिछड़े बच्चों को सिविल सर्विसेज की फ्री में तैयारी कराएंगे."


झारखंड हज कमेटी को सरकार से मान्यता नहीं मिली है. इसपर इरफान अंसारी का दर्द छलक गया. उन्होंने कहा कि हज कमेटी और झारखंड का गठन तो कर दिया गया है लेकिन मान्यता नहीं दी गई है और कमेटी के फंक्शनिंग नहीं होने की वजह से कमेटी दूसरे प्रदेशों में होने वाली बैठकों में शामिल नहीं हो सकती है, और न ही केंद्र से प्रदेश के हिस्से का फंड ले पाने में सक्षम है. इसीलिए वह सरकार से मांग करते हैं कि कमेटी को मान्यता दी जाए.


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